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Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan: गांव लौटे मजदूरों को मिलेगा रोजगार, साथ में होगा इलाके का विकास- वित्त मंत्री

Updated Jun 18, 2020 | 17:07 IST

Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan:  प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलेगा।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
मुख्य बातें
  • गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत 20 जून को की जाएगी
  • पीएम मोदी इस अभियान की शुरुआत बिहार से करेंगे
  • इस अभियान में 6 राज्यों के 116 जिलों को शामिल किया गया है

Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan:  कोरोना वायरस को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की वजह करोड़ों बेरोजगार मजदूरों के लिए पीएम नरेंद्र मोदी 20 जून को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैंइसको लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार गरीब कल्याण रोजगार योजना लेकर आ रही हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि देश भर के मजदूर लॉकडाउन शुरू होने के कुछ दिनों बाद गांवों में वापस जाना चाहते थे। केंद्र और राज्य सरकार ने कुछ व्यवस्थाएं कीं, और वे वापस चले गए। हमने उन जिलों पर ध्यान दिया है, जहां वे बड़े पैमाने पर लौट आए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि 6 राज्यों के करीब 116 जिलों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि हमने पाया है कि प्रवासी श्रमिक बड़ी संख्या में 116 जिलों में लौटे। छह राज्य बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में सबसे अधिक लौटे हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान में 125 दिनों में सरकार की करीब 25 योजनाओं को एक साथ लाया जाएगा और इन 125 दिनों में हर योजना को उसके उच्चतम स्तर पर लेकर जाएंगे। जिन जिलों में ज्यादा श्रमिक लौटे हैं उनमें सरकार की इन 25 योजनाओं में जिसको भी काम की जरूरत है उसे काम दिया जाएगा।

सीतारमण ने कहा कि जिन सभी को इन 116 जिलों में असाइनमेंट की जरूरत है, उन्हें गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत काम दिया जाएगा, इस योजना के लिए अनुमानित अनुमानित खर्च 50,000 करोड़ रुपए है, इसके लिए आवंटित पैसा फ्रंट-लोडेड होगा। जो श्रमिक वापस लौटे हैं उनका उपयोग करते हुए इन 25 अलग-अलग कामों के अंदर जो भी लक्ष्य हासिल करना है उसे हासिल किया जाएगा। इन 25 योजनाओं को कुल मिलाकर जो पैसा आवंटित किया गया वो करीब 50,000 करोड़ है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार अभियान की पहली प्राथमिकता अपने संबंधित जिलों में लौटे मजदूरों की तत्काल जरूरत को पूरा करना और उन्हें जल्द-जल्द आजीविका मुहैया कराना है।

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