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FM Nirmala Sitharaman: शुरू हुई मुख्यमंत्रियों के साथ अहम बैठक, इन मुद्दों पर चर्चा संभव

Updated Nov 15, 2021 | 15:44 IST

FM Nirmala Sitharaman: आज दोपहर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक शुरू हो गई है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
FM Nirmala Sitharaman: शुरू हुई मुख्यमंत्रियों के साथ अहम बैठक
मुख्य बातें
  • वित्त मंत्री की राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ बैठक शुरू हो गई है।
  • बैठक में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और भागवत कराड़ भी शामिल हैं।
  • इसमें विकास को बढ़ावा देने, निवेश बढ़ाने और अन्य विषयों पर चर्चा होगी।

FM Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ बैठक शुरू हो गई है। बैठक में सुधार केंद्रित कारोबारी माहौल बनाने और निवेश (Investment) को आकर्षित करने के तरीकों पर चर्चा होगी। इससे देश की वृद्धि को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा।

पहले इस संदर्भ में वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया था कि, '15 नवंबर को होने वाली वर्चुअल बैठक में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और भागवत कराड़ भी शामिल होंगे। साथ ही केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के सचिव, राज्यों के मुख्य सचिव और वित्त सचिव भी बैठक में शामिल होंगे। बैठक में विकास को बढ़ावा देने, रिफॉर्म्स, निवेश बढ़ाने और सुधार-केंद्रित व्यावसायिक माहौल बनाने के विषयों पर चर्चा की जाएगी।'

बैठक कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की दो लहरों के बाद अर्थव्यवस्था (Economy) में तेजी से पुनरुद्धार के प्रयासों के बीच बुलाई गई है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था 20.1 फीसदी की दर से बढ़ी। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2021-22 के पहले चार महीनों में 64 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) देखा गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) ने भारत की जीडीपी (GDP) वृद्धि को क्रमशः 9.5 फीसदी और 8.3 फीसदी आंका है।

दोहरे अंक की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था: मुख्य आर्थिक सलाहकार
मालूम हो कि मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के वी सुब्रमण्यम ने कहा है कि, 'चालू वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की वृद्धि दर दोहरे अंक में बढ़ेगी। साथ ही अगले वित्त वर्ष में यह 6.5 से 7 फीसदी के बीच रह सकती है।' उन्होंने कहा कि, 'हमने वास्तव में मौलिक सुधार किए हैं। इनका प्रभाव आगे जाकर महसूस किया जा सकेगा।'

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