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हमपर भारी कर्ज का बोझ नहीं, सरकारी बैंकों का आधा लोन भी लौटाया: अडानी ग्रुप

Updated Sep 06, 2022 | 18:35 IST

Gautam Adani: ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार, गौतम अडानी दुनिया के तीसरे सबसे रईस शख्स हैं। अडानी कुल 141 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
क्या सच में भारी कर्ज तले दबी है गौतम अडानी की कंपनी?

नई दिल्ली। देश के सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) की अगुवाई वाले अडानी समूह ने भारी कर्ज में होने को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा है कि परिचालन लाभ के अनुपात में उसके शुद्ध कर्ज की स्थिति सुधरी है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिए गए आधे से अधिक कर्ज को उसने चुका दिया है। अडानी समूह ने अत्यधिक कर्ज में होने के बारे में आई क्रेडिटसाइट्स की रिपोर्ट के जवाब में 15 पृष्ठ का एक नोट जारी किया है।

लगातार अपने कर्ज को चुकाया
इसमें समूह ने कहा है कि उसकी कंपनियों ने लगातार अपने कर्ज को चुकाया है और कर्ज एवं ब्याज, कर, मूल्यह्रास पूर्व आय (कर-पूर्व या एबिटा आय) का अनुपात घटकर 3.2 गुना रह गया है जबकि नौ साल पहले यह 7.6 गुना हुआ करता था। पीटीआई-भाषा के पास उपलब्ध इस नोट के मुताबिक, 'अडानी समूह के कारोबार एक सरल लेकिन सशक्त और दोहराए जाने लायक कारोबारी मॉडल पर काम करते हैं जिनका ध्यान विकास एवं उत्पत्ति, परिचालन और प्रबंधन एवं पूंजी प्रबंधन योजना पर होता है।'

मार्च 2022 तक इतना था कर्ज
अडानी समूह के पास उपलब्ध नकदी को ध्यान में रखें, तो उसपर मार्च, 2022 में 1.88 लाख करोड़ रुपये का सकल कर्ज और 1.61 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण था। समूह ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में उसकी कंपनियों के कुल कर्ज में सार्वजनिक बैंकों से लिए गए कर्ज का अनुपात 55 प्रतिशत पर था लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 में यह घटकर कुल कर्ज का सिर्फ 21 प्रतिशत रह गया। वित्त वर्ष 2015-16 में निजी बैंकों से लिए गए कर्ज की कुल ऋण में हिस्सेदारी 31 प्रतिशत हुआ करती थी जो अब घटकर 11 प्रतिशत पर आ गई है। इसके उलट बॉन्ड के जरिये जुटाए गए कर्ज की हिस्सेदारी इस दौरान 14 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत हो चुकी है।

फिच समूह की फर्म क्रेडिटसाइट्स ने पिछले महीने जारी एक रिपोर्ट में अडानी समूह के भारी कर्ज में डूबे होने की बात कही थी। उसका कहना था कि अडानी समूह बड़े पैमाने पर कर्ज लेकर उस राशि का इस्तेमाल अपने मौजूदा कारोबार के विस्तार एवं नए कारोबारों को खड़ा करने में कर रहा है। क्रेडिटसाइट्स ने यह आशंका भी जताई थी कि हालात बिगड़ने पर समूह की ऋण-समर्थित कारोबार योजनाएं भारी कर्ज के जाल मे डूब सकती हैं और इसका नतीजा एक या अधिक कंपनियों के कर्ज भुगतान चूक के रूप में भी आ सकता है।

अडानी समूह ने तेजी से किया है विस्तार
अडानी समूह ने पिछले कुछ वर्षों में ही अपने कारोबार का बड़ी तेजी से विस्तार किया है। कोयला खनन, बंदरगाह, हवाईअड्डा, डेटा सेंटर, सीमेंट, एल्युमिनियम और शहरी गैस वितरण जैसे तमाम कारोबार क्षेत्रों में समूह काम कर रहा है। इस संदर्भ ने समूह की तरफ से कहा गया है, 'पोर्टफोलियो में शामिल कंपनियों ने बीते दशक में उद्योग को पीछे छोड़ने वाली दर से विस्तार किया है। ऐसा करते हुए हमारी कंपनियों ने एबिटा आय के अनुपात में शुद्ध कर्ज को नीचे लाने के लिए लगातार काम किया है। पिछले नौ वर्षों में एबिटा आय सालाना 22 प्रतिशत की दर से बढ़ी है जबकि कर्ज की वृद्धि दर 11 प्रतिशत ही रही है।'

अडानी समूह ने क्रेडिटसाइट्स द्वारा दिए गए आंकड़ों से इतर आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए कहा है कि उसकी कंपनियों का ऋण अनुपात स्वस्थ बना हुआ है और उद्योग मानकों के अनुरूप है। समूह ने कहा, 'पिछले 10 वर्षों में हमने अपनी पूंजी प्रबंधन रणनीति के जरिये अपने कर्ज मानकों को बेहतर करने के लिए लगातार काम किया है।' क्रेडिटसाइट्स की रिपोर्ट में अडानी एंटरप्राइजेज की एबिटा आय का अनुपात 1.6 बताया गया था, जबकि समूह ने इसे 1.98 बताया है।

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