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एसएंडपी ने कम किया भारत का वृद्धि अनुमान, कहा- महंगाई है चिंता का विषय

Updated May 18, 2022 | 17:59 IST

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में रिटेल महंगाई 6.9 फीसदी रह सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने देश की वृद्धि दर को 9 फीसदी से कम करके 8.2 फीसदी किया। वहीं एशियाई विकास बैंक के अनुमान के अनुसार, यह आंकड़ो 7.5 फीसदी है।

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एसएंडपी ने क्यों घटाया वृद्धि दर का अनुमान? (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • अनुमान के अनुसार 2021-22 में भारत की जीडीपी वृद्धि 8.9 फीसदी रही।
  • कई वैश्विक एजेंसियों ने भारत की वृद्धि का अनुमान घटा दिया है।
  • वर्ल्ड बैंक ने अप्रैल में भारत की जीडीपी का अनुमान घटाकर 8 फीसदी कर दिया था।

नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी (S&P Global Ratings) ने भारत की वृद्धि दर (India Growth Rate) का अनुमान पहले से कम कर दिया है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि के अनुमान को 7.3 फीसदी कर दिया है। जबकि पहले एसएंडपी ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.8 फीसदी हो सकती है।

क्यों घटाया वृद्धि दर का अनुमान?
दरअसल लगातार बढ़ रही महंगाई को देखते हुए एजेंसी ने वृद्धि दर के अनुमान को कम कर दिया है। इसके अलावा रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध भी काफी लंबा खिंच गया है। इस लड़ाई के मद्देनजर एजेंसी ने यह ऐलान किया है।

प्रोडक्शन और रोजगार पर बुरा असर
इस संदर्भ में ग्लोबल मेक्रो अपडेट टू ग्रोथ फोरकास्ट्स (Global Macro Update To Growth Forecast) में एसएंडपी ने कहा कि महंगाई के लंबे समय तक ऊंचे स्तर पर बने रहने से चिंता और भी बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में केंद्रीय बैंकों को ब्याज दरों में वृद्धि करना पड़ती है और साथ ही इसका प्रोडक्शन और रोजगार पर बुरा असर पड़ता है।

अगले वित्त वर्ष इतनी रह सकती है जीडीपी वृद्धि 
मालूम हो कि पिछले वर्ष दिसंबर में  ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने अनुमान लगाया था कि साल 2022- 23 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि 7.8 फीसदी रह सकती है। लेकिन अब इसे चालू वित्त वर्ष के लिए कम करके 7.3 फीसदी कर दिया गया है। वहीं अगले वित्त वर्ष के लिए यह अनुमान और भी कम है। एजेंसी ने आगामी वर्ष के लिए इसके 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।

एसएंडपी ने कहा कि, 'हमारे पिछले अनुमान के बाद से जोखिम और बढ़ गया है। रूस और यूक्रेन में युद्ध अब भी जारी है। इसके लंबा खिंचने की आशंका है,  जिससे जोखिम भी बढ़ा है।

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