Gold, Silver price rise reasons : कोरोना काल में सोना और चांदी के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कीमतें रोज नई रिकॉर्ड उंचाइयों को छू रही हैं। शादी विवाद के लिए खरीददारी करने वालों को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। खरीदकर रख लें या कीमत कम होने का इंतजार करेंगे। उधर दुनिया भर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले की वजह से निवेश के लिए सबसे सुरक्षित माने जाने वाले धातु सोना, चांदी निवेशकों के लिए पहली पसंद बन गई गई है। यह कारण है कि इन धातुओं की कीमतें लगातार बढ़ती ही जा रही है। भारत में भी नई उंचाइयों को छू रही है। हाजिर बाजार में सोना 51000 रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई वहीं चांदी की कीमत 62,760 रुपए प्रति किलो हो गई। घरेलू वायदा बाजार में सोने का भाव रिकॉर्ड 50,707 रुपए प्रति 10 ग्राम तक उछला। जबकि चांदी का भाव 62,400 रुपये प्रति किलो तक उछला। आइए जानते हैं सोना और चांदी की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
कब ऊंचाइयों को छुए सोना और चांदी के भाव
सोने का भाव 16 मार्च के बाद 32% उछला है जबकि चांदी का भाव 62,400 रुपए प्रति किलो तक ऊपर चढ़ गया जोकि 13 दिसंबर 2012 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है जब एमसीएक्स पर चांदी का भाव 63,065 रुपए प्रति किलो तक उछला था। 18 मार्च 2020 को चांदी का भाव एमसीएक्स पर 33,580 रुपए प्रति किलो तक टूटा था उसके बाद से अब तक चांदी में 85.82% की तेजी आई है। गौर हो कि चांदी एमसीएक्स पर इससे पहले 25 अप्रैल 2011 में 73,600 रुपए प्रति किलो तक उछला था जबकि हाजिर बाजार में चांदी का भाव 77,000 रुपए प्रति किलो तक उछला था।
अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार में सोने और चांदी के भाव
चांदी का अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर 23 डॉलर प्रति औंस के उपर चला गया है जबकि मार्च में चांदी का भाव 12 डॉलर प्रति औंस तक टूटा था। अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने का भाव गुरुवार को 1,887.80 डॉलर प्रति औंस तक उछला जोकि सितंबर 2011 के बाद का सबसे उंचा स्तर और रिकॉर्ड स्तर के करीब है। कॉमेक्स पर सोने का भाव छह सितंबर 2011 में 1911.60 डॉलर प्रति औंस तक उछला था जोकि अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। बता दें कि कॉमेक्स पर चांदी का भाव 2011 में 49.52 डॉलर प्रति औंस तक उछला था जोकि रिकॉर्ड स्तर है।
सोने और चांदी के दाम में तेजी की 10 बड़ी वजहें ये हैं :-
पहली वजह : कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण दुनिया अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया मडरा रहा है जिसके चलते निवेशकों का रुझान सॉफ्ट एसेट्स (शेयर, बांड्स) के बजाय हार्ड एसेट्स (सोना, चांदी या रियलस्टेट्स, कच्चा तेल आदि) की तरफ ज्यादा है। इनमें सोना और चांदी उनकी पहली पसंद है क्योंकि इसे संकट का साथी माना जाता है।
दूसरी वजह : कोरोना के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न देशों में लाए गए राहत पैकेज से सोने और चांदी में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ गई है क्योंकि राहत पैकेज से महंगाई बढ़ने की आशंका बनी रहती है जिसके कारण निवेशकों का झुकाव सुरक्षित निवेश के साधन की तरफ जाता है।
तीसरी वजह : केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती से बुलियन के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ा है क्योंकि इसमें उनको ज्यादा रिटर्न की उम्मीद है।
चौथी वजह : कोरोना काल में सोने और चांदी से अब तक निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला है जैसा कि भारत में 16 मार्च के बाद सोन का भाव 32 फीसदी जबकि चांदी में 18 मार्च के बाद 86 फीसदी तेजी आई है।
पांचवीं वजह : भूराजनीतिक तनाव से पैदा अनिश्चितता के माहौल में निवेश के सुरक्षित उपकरण के प्रति निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ जाती है। मौजूदा हालात में अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव से बुलियन को सपोर्ट मिल रहा है है।
छठी वजह : महंगी धातुओं में तेजी की एक बड़ी वजह डॉलर में आई कमजोरी है। दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत का सूचक डॉलर इंडेक्स में लगातार कमजोरी बनी हुई है जिससे सोने और चांदी में निवेशक मांग बढ़ी है। दरअसल, डॉलर भी निवेश का एक उपकरण है, लेकिन 18 मई को डॉलर इंडेक्स जहां 100.43 पर था वहां अब लुढ़ककर 94.87 पर आ गया है।
सातवीं वजह : शेयर बाजार में अनिश्चितता का माहौल होने से निवेशकों का रुझान सोने और चांदी की तरफ है।
आठवीं वजह : मेक्सिको में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से चांदी की आपूर्ति बाधित होने से इसकी कीमतों में ज्यादा तेजी आई है।
9वीं वजह : चांदी की औद्योगिक मांग बढ़ने की संभावनाओं से निवेशकों का रुझान चांदी में ज्यादा है क्योंकि चांदी एक औद्योगिक धातु है और दुनियाभर में लॉकडाउन खुलने के बाद इसकी औद्योगिक मांग बढ़ने की संभावना बनी हुई है।
10वीं वजह : सोना महंगा होने की सूरत में आभूषणों के लिए चांदी की मांग बढ़ जाती है। दरअसल, चांदी को गरीबों का सोना कहा जाता है।
जानिए सोना, चांदी की बढ़ती कीमतों के बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने कहा कि सोना और चांदी के भाव का अनुपात मार्च में बढ़कर 125 के ऊपर चला गया था जोकि आमतौर पर 65 के आसपास रहता है, इसलिए उसमें सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि दिवाली तक चांदी का भाव 70,000 रुपए किलो तक जा सकता है जबकि सोने का भाव 53,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक रह सकता है।
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के कारण खनन कार्य प्रभावित होने और आपूर्ति बाधित होने से चांदी की कीमतों में ज्यादा तेजी देखी जा रही है और आने वाले दिनों में चांदी में तेजी का रुख बना रहेगा।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि इस बार मानसून अच्छा है जिससे फसलों की अच्छी पैदावार रहने पर त्योहारी सीजन में ग्रामीण इलाकों में चांदी की मांग जबरदस्त रह सकती है जिससे कीमत 70,000 रुपए प्रति किलो तक जा सकती है।