- हेमा मालिनी ने पेंशनधारकों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है
- पेंशन फंड में पेंशन राशि कटवाने के बावजूद सेवानिवृत्ति के बाद नाममात्र 200 रुपए से लेकर 3,000 रुपए तक पेंशन मिलती है
- राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने उम्मीद जताई कि न्याय मिलगा और 559 दिनों से जारी "बुलढाणा अनशन" समाप्त होगा
नई दिल्ली : लोकसभा सदस्य हेमा मालिनी ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में मासिक पेंशन की न्यूनतम राशि बढ़ाकर कम -से -कम 7,500 रुपए करने और अन्य सुविधाओं के लिए 65 लाख से अधिक पेंशनधारकों को ‘न्याय दिलाने’ की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। गौर हो कि ईपीएस, 95 के अंतर्गत आने वाले पेंशनधारक इस योजना में न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 7,500 रुपए करने के साथ साथ महंगाई राहत तथा मेडिकल सुविधा प्रदान करने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। इससे पहले, चार मार्च, 2020 को हेमा मालिनी ईपीएस,95 के पेशनधारियों की राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मिली थीं।
मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने दो जुलाई को लिखे पत्र में पिछली बैठक का जिक्र करते हुए कहा है कि ईपीएस, 95 पेंशनधारकों की जायज मांगों को सुनने के बाद आपने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डा. जितेन्द्र सिंह को इस संदर्भ में उपयुक्त कार्यवाही के निर्देश दिये थे। ‘भाषा’ के पास उपलब्ध पत्र की प्रति के अनुसार उन्होंने लिखा है कि उसके बाद राज्यमंत्री जी ने संबंधित अधिकारियों के साथ इन प्रतिनिधियों की बैठक की और उनकी मांगों को पूरा करने के लिये योजना तैयार की।
सांसद ने कहा कि मैं समझ सकती हूं कि कोविड-19 महामारी के कारण, निर्णय में देरी हो रही है लेकिन इन पेंशनभोगियों की उम्र और उनकी मृत्युदर को देखते हुए अनुरोध किया जाता है कि इन पेंशनधारकों को मासिक पेंशन के रूप में 7,500 रुपए के साथ महंगाई भत्ता मंजूर कर और चिकित्सा सुविधा प्रदान कर उन्हें न्याय देने की कृपा करें।
इस बारे में राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने एक बयान में कहा कि ईपीएस, 95 पेंशन धारकों द्वारा 30-35 वर्ष तक सेवा के दौरान शासन के नियमानुसार पेंशन फंड में पेंशन राशि कटवाने के बावजूद सेवानिवृत्ति के बाद नाममात्र 200 रुपए से लेकर 3,000 रुपए तक पेंशन मिलती है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि प्रधानमंत्री से 65 लाख पेंशनधारकों को शीघ्र न्याय मिलेगा जिससे 559 दिनों से जारी "बुलढाणा अनशन" समाप्त होगा और पेंशनधारकों के परिवार के जीवन में खुशहाली आएगी।