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किसानों के लिए खुशखबरी, डीएपी खाद पर सब्सिडी 140 प्रतिशत बढ़ी

Updated May 20, 2021 | 21:39 IST

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी 140 प्रतिशत बढ़ा दी गई है। पहले 500 रुपए प्रति बोरी मिलती थी।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
डीएपी खाद पर सब्सिडी बढ़ी

नई दिल्ली : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और डीएपी खाद पर सब्सिडी बढ़ाने के फैसले से किसानों को राहत मिलेगी। केन्द्र सरकार ने बुधवार को डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी 140 प्रतिशत बढ़ाकर 1,200 रुपये प्रति बोरी कर दी, जो पहले 500 रुपये प्रति बोरी थी, जिससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त 14,775 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वैश्विक कीमतों में तेज वृद्धि के बावजूद किसानों को खेती का यह पोषक तत्व 1,200 रुपये प्रति बोरी की पुरानी दर पर उपलब्ध हो।

पीएमओ के बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया। तोमर ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में संवाददाताओं से कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने हाल ही में पीएम-किसान कार्यक्रम के तहत किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का हस्तांतरण किया है।

डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक की बढ़ती वैश्विक कीमतों के मद्देनजर, तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बुधवार को एक बैठक बुलाई और घरेलू खुदरा कीमतों में कोई बदलाव ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए सब्सिडी बढ़ाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद किसानों को पुरानी दरों पर ही डीएपी मिलेगा।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने डीएपी पर सब्सिडी बढ़ाने का फैसला नहीं किया होता तो किसानों को समस्या का सामना करना पड़ सकता था। मंत्री ने कहा कि केंद्र पहले डीएपी के प्रति बोरी 500 रुपये की सब्सिडी दे रहा था और खुदरा मूल्य 1,200 रुपये प्रति बैग था। उन्होंने कहा, अब यह सुनिश्चित करने के लिए कि खुदरा कीमतें 1200 रुपये प्रति बैग पर बनी रहे, सब्सिडी को बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति बैग कर दिया गया है।

मंत्री ने कहा कि वैश्विक बाजार में डीएपी की दर 2400 रुपए प्रति बोरी हो गई है। तोमर ने कहा कि केंद्र को करीब 15,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी खर्च करनी होगी, लेकिन किसान समुदाय को राहत देने के लिए इसे वहन करने का फैसला सरकार ने किया। यूरिया के बाद, किसानों सबसे अधिक डीएपी खाद का इस्तेमाल करते हैं।

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