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गुड न्यूज! बिना किसी सामान के हवाई यात्रा करेंगे तो टिकट की कीमतों में मिलेगी छूट

Updated Feb 26, 2021 | 14:34 IST

डीजीसीए ने एयरलाइंस को अनुमति दी है कि अगर कोई यात्री बिना सामान के फ्लाइट्स में यात्रा करते हैं तो उन्हें टिकट कीमतों में छूट दे सकती है।

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हवाई टिकटों पर मिलेगी छूट

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार (26 फरवरी 2021) को एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें एयरलाइंस को बिना किसी सामान के यात्रियों को टिकट की कीमतों में छूट देने की अनुमति दी गई है। डीजीसीए एयरलाइंस द्वारा सेवाओं और शुल्क की अनुमति देता है। इसका मतलब है कि जैसे हमें अतिरिक्त सामान, फ्रंट रो सीट आदि के लिए अतिरिक्त भुगतान करने के लिए कहा जाता है।  अब एयरलाइंस शून्य सामान किराए का ऑफर भी कर सकती है। इसका मतलब है कि अगर किसी के पास सामान नहीं है, तो यह कम किराया देना पड़ कर सकता है।

गौर हो कि वर्तमान नियमों के अनुसार, एक यात्री 7 किलोग्राम केबिन सामान और 15 किलोग्राम चेक-इन सामान ले जा सकता है। कोई अतिरिक्त वजन होने पर चार्ज लगता है। डीजीसीए के नए नियम से उड़ान संचालक उन लोगों को कम कीमत पर टिकट मुहैया करा सकेंगे, जो बिना किसी सामान या केवल केबिन सामान के साथ यात्रा करते हैं। रियायत का लाभ उठाने के लिए, यात्रियों को टिकट की बुकिंग के समय घोषणा करनी होगी कि वे कितने सामान ले जा रहे हैं।

एविएशन वॉचडॉग ने एक बयान में कहा कि एयरलाइन बैगेज पॉलिसी के हिस्से के रूप में शेड्यूल एयरलाइनों को मुफ्त सामान भत्ता देने की अनुमति दी जाएगी, साथ ही "शून्य सामान / कोई चेक-इन बैगेज किराया नहीं " (zero baggage/no check-in baggage fares)। यह इस शर्त के अधीन होगा कि यात्री इस तरह की किराया योजना के तहत टिकट बुक करता है। उन शुल्कों से अवगत कराया गया है जो यात्री एयरलाइन काउंटर पर चेक के लिए सामान के साथ आने पर लागू होंगे। ये चार्ज रिजनेलब होंग, टिकट की बुकिंग के समय यात्री को प्रमुखता से दिखाया किया जाएगा और इसे टिकट पर प्रिंट भी किया जाएगा। 

एविएशन निकाय ने अन्य सेवाओं जैसे मनचाही सीट पर बैठने, भोजन-नाश्ते-पेय शुल्क, एयरलाइन लाउंज, खेल उपकरण शुल्क और संगीत वाद्ययंत्र शुल्क इत्यादि के लिए भी अनबंडलिंग अनुमति दी है। इन अनबंडल्ड सेवाओं की दरें एयरलाइंस द्वारा तय की जाएंगी।

साथ ही कहा गया कि प्राप्त विभिन्न फीडबैंक के आधार पर, यह महसूस किया जाता है कि कई बार एयरलाइनों द्वारा प्रदान की जाने वाली इन सेवाओं की आवश्यकता यात्रियों को यात्रा करते समय नहीं हो सकती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि सेवाओं और शुल्कों की असहनीयता मूल किराया को किफायती बनाने की क्षमता रखती है। और उपभोक्ता को उन सेवाओं के लिए भुगतान करने का एक विकल्प प्रदान करता है, जिसका वह लाभ उठाना चाहता है, यह सरकार द्वारा तय किया गया है कि इन सेवाओं को बिना अनुमति के और ऑप्ट-इन के आधार पर अलग से चार्ज किया जा सकता है।

गौर हो कि पिछले साल 24 मार्च को देश भर में कोरोनो वायरस-प्रेरित लॉकडाउन की घोषणा के बाद सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के बाद पिछले साल 25 मई से घरेलू उड़ानें फिर से शुरू हो गईं। दिसंबर में, केंद्र ने घरेलू यात्री उड़ानों की संख्या पर भी कैप बढ़ा दी थी, जिन्हें एयरलाइंस को मौजूदा 70 प्रतिशत से अपने पूर्व-कोविड स्तरों के 80 प्रतिशत तक संचालित करने की अनुमति थी।
 

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