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यूके में गूगल पर शिकंजा ! विज्ञापन प्रैक्टिस की होगी जांच

Updated May 27, 2022 | 16:27 IST

Investigation on Google in UK: यूनाइटेड किंगडम की कंप्टीशन एंड मार्केट अथॉरिटी ने गूगल की एडटेक प्रैक्टिस के तरीके को लेकर एक और जांच की घोषणा कर दी है।

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जांच के दायरे में गूगल
मुख्य बातें
  • यूके अथॉरिटी इसके तहत प्रतिस्पर्धा के नियमों के उल्लंघन की जांच कर रही है।
  • यूरोपीय संघ ने पिछले साल गूगल की एडटेक सेवाओं की विस्तृत जांच की घोषणा की थी।
  • फ्रांस का नियामक भी गूगल की एडटेक सर्विस को लेकर जांच कर चुका है।

Investigation on Google in UK: यूनाइटेड किंगडम में गूगल की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कंपनी एक बार फिर अपनी एड टेक प्रैक्टिस को लेकर जांच के दायरे में है। यूनाइटेड किंगडम की कंप्टीशन एंड मार्केट अथॉरिटी (Competition and Markets Authority)ने कंपनी की एडटेक (Adtech ) पॉलिसी और उसके इस्तेमाल के तरीके को लेकर एक और जांच की घोषणा कर दी है। इसके पहले अथॉरिटी ने मार्च में फेसबुक और गूगल के बीच किए गए डील की जांच करने की बात कही थी। जिसे आंतरिक रूप से जेडी ब्लू (Jedi Blue) भी कहा जाता है। 

क्या है मामला

कंप्टीशन एंड मार्केट अथॉरिटी द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वह इस बात की जांच कर रही है कि क्या गूगल ने डिजिटल विज्ञापन में प्रतिस्पर्धा को सीमित कर कानून को तोड़ा है। गूगल डिजिटल विज्ञापन तकनीकी के विभिन्न स्तरों पर एक मजबूत स्थान रखता है। जिसे एड टेक स्टैक के रूप में भी जाना जाता है। जिसके जरिए वह प्रकाशकों और विज्ञापनदाताओं दोनों से फीस लेता है। 

अपनी जांच में यूनाइटेड किंगडम का प्रतिस्पर्धा नियामक, एडटेक चेन के तीन हिस्सों की जांच कर रहा है। इसके तहत पहला डिमांड-साइड प्लेटफॉर्म (डीएसपी) है। जो कि विज्ञापनदाताओं और मीडिया एजेंसियों को पब्लिशर के विज्ञापन स्थान के बारे में विभिन्न स्रोतों से जानकारी प्रदान करता है।

जांच का दूसरा हिस्सा विज्ञापन एक्सचेंज का है। जो कि पब्लिशर को इन्वेंट्री की बिक्री को ऑटोमेट करने की तकनीक प्रदान करता है। जो डीएसपी से जुड़कर, उनसे नीलामी के लिए बोलियां लेकर विज्ञापन का रियल-टाइम नीलामी करते हैं।

जांच का तीसरा और आखिरी हिस्सा पब्लिशर एड सर्वर का है। जो कि पब्लिशर की लिस्ट का प्रबंधन करते हैं और यह तय करते हैं कि किसी प्लेटफॉर्म पर कौन सा विज्ञापन दिखाना है। जिसका फैसला विभिन्न एक्सचेंजों से प्राप्त बोलियों और पब्लिशर और विज्ञापनदाताओं के बीच सीधे तौर पर किए गए डील के आधार पर होता है।

अथॉरिटी इसी सिस्टम के तहत  प्रतिस्पर्धा के नियमों के उल्लंघन की जांच कर रही है। जिसमें वह यह देखेगी कि क्या गूगल ने एड एक्सचेंज की इंटरऑपरेबिलिटी को सीमित किया है। जिसके लिए किसी खास थर्ड पार्टी के साथ समझौता कर उसके प्रतिद्वंदी के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल कर दिया गया है। इसके अलावा अथॉरिटी इस बात की भी जांच करेगी कि क्या गूगल ने अपने पब्लिशर एड सर्वर और उसके डीएसपी का इस्तेमाल कर, गैर कानूनी रुप से अपने ऐड एक्सचेंज सर्विस को फायदा पहुंचाया है।

यूरोप में चौतरफा घिरा गूगल 

यूके में एक और मामले में जांच शुरू होने के साथ ही, गूगल की विज्ञापन सेवाओं को लेकर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। अकेले यूरोप में कंपनी पर कई जांच चल रही है। यूरोपीय संघ ने पिछले साल गूगल की एडटेक सेवाओं की विस्तृत जांच की घोषणा की थी। इसके अलावा फ्रांस का नियामक गूगल के एडटेक तरीकों की जांच अपने स्तर पर कर चुका है। और उसने कंपनी पर 268 मिलियन डॉलर की पेनॉल्टी लगाई थी। इसके बाद गूगल ने नियामक से इंटऑपरेबिलिटी के संबंध में कई बदलाव की बात कही थी।

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