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सरकारी बैंकों ने 6.45 लाख करोड़ रुपए के लोन को दी मंजूरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कही ये बात

Updated May 19, 2020 | 17:07 IST

कोरोना वायरस संकट के बीच सरकारी बैंकों (पीएसबी) ने एक मार्च से 15 मई के बीच 6.45 लाख करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी दी। 

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सरकारी बैंकों ने 6.45 लाख करोड़ रुपए के लोन को दी मंजूरी
मुख्य बातें
  • सरकारी बैंकों ने कई सेक्टरों को एक मार्च से 15 मई के बीच 6.45 लाख करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी दी
  • बैंकों ने आठ मई तक 5.95 लाख करोड़ रुपए के कर्ज को मंजूरी दी थी
  • इनमें 54.96 लाख खाते एमएसएमई, कृषि और खुदरा सेक्टर के हैं

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के चलते उपजे हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। जिसके बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच दिनों में विस्तार से जानकारी दी। इस पैकेज का अधिकांश हिस्सा कर्ज में रूप में दिया जाएगा। उधर सरकारी बैंकों ने लोन देने की मंजूरी दे दी है। बैंक लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई), कृषि और खुदरा समेत कई सेक्टरों को एक मार्च से 15 मई के बीच 6.45 लाख करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी दी। इन बैंकों ने आठ मई तक 5.95 लाख करोड़ रुपए के कर्ज को मंजूरी दी थी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट में कहा कि एक मार्च से 15 मई के बीच सरकारी बैंकों ने 6.45 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लोन स्वीकृत किए। इनमें 54.96 लाख खाते एमएसएमई, कृषि और खुदरा सेक्टर के हैं। लोन देने में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, क्योंकि आठ मई तक ये आंकड़ा 5.95 लाख करोड़ रुपए था। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 20 मार्च से 15 मई के दौरान इमरजेंसी और कार्यशील पूंजी में वृद्धि के रूप में 1.03 लाख करोड़ रुपए से अधिक की मंजूरी दी।

इमरजेंसी लोन व्यवस्था शुरू
सरकारी सेक्टर के बैंकों ने लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद मार्च के अंतिम सप्ताह में अपने मौजूदा एमएसएमई और कॉरपोरेट कर्जदारों को धन देने के लिए एक इमरजेंसी लोन व्यवस्था शुरू की। इस योजना के तहत बैंक कार्यशील पूंजी सीमा पर आधारित मौजूदा फंड का 10 प्रतिशत एक्स्ट्रा लोन के रूप में देते हैं, जिसकी सीमा अधिकतम 200 करोड़ रुपए है।

आर्थिक पैकेज का कुल आकार 20.97 लाख करोड़ रुपए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज की घोषणा के आखिरी दिन कहा कि प्रोत्साहन आर्थिक पैकेज का कुल आकार 20.97 लाख करोड़ रुपए का हो गया है। उन्होंने कहा कि कुल प्रोत्साहन पैकेज में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मार्च में घोषित 8.01 लाख करोड़ रुपए के तरलता बढ़ाने (बैंकों के पास कर्ज देने के लिए धन की उपलब्धता) के उपाय भी शामिल हैं। इसके अलावा गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न और रसोई गैस सिलिंडर तथा समाज के कुछ वर्गों को नकदी मदद के रूप में 1.92 लाख करोड़ रुपए का मार्च में सरकार द्वारा घोषित शुरुआती पैकेज भी इस प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा है।
 

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