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MSP hike : सरकार ने धान की एमएसपी 72 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाई, अब 19 रुपए 40 पैसे किलो होगी खरीद

Updated Jun 09, 2021 | 17:59 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 72 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की गई।

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धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा (फोटो-istock)
मुख्य बातें
  • पिछले साल धान की एमएसपी 1868 रुपए प्रति क्विंटल थी।
  • फसल वर्ष 2021-22 के लिए धान की एमएसपी में 72 रुपए की बढ़ोतरी की गई।
  • अब एमएसपी बढ़ाकर 1940 रुपए प्रति क्विंटल किया गया।

भारत सरकार ने फसल वर्ष 2021-22 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 72 रुपये बढ़ाकर 1,940 रुपये प्रति क्विंटल किया, पिछले साल यह 1,868 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी तरह, बाजरा का एमएसपी चालू वर्ष के लिए पिछले वर्ष के 2,150 रुपए से बढ़ाकर 2,250 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज (09 जून) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में खरीफ की फसलों का MSP घोषित करने का फैसला हुआ है। धान जो सामान्य स्तर का है उसका भाव 1868 रुपए प्रति क्विंटल था, 2021-22 में ये 1940 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। उन्होंने कहा कि कृषि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाये जा रहे हैं और भविष्य में भी इसी तरह वृद्धि होती रहेगी। उधर कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि सरकार विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, कृषि कानूनों पर तार्किक आधार पर अपनी चिंता लेकर आइए।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। इससे किसानों को खरीफ मौसम में फसल की बुवाई को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। एमएसपी की घोषणा और दक्षिण पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के साथ खरीफ मौसम की बुवाई भी आगे बढ़ती है। कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर से एमएसपी के बारे में आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि एमएसपी (फसलों पर) जारी है, इसे बढ़ाया जा रहा है और भविष्य में भी यह क्रम जारी रहेगा।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि खरीफ सीजन के पहले ही MSP घोषित की है और उसे बढ़ाया भी गया है। रेलवे यातायात ज्यादा सुरक्षित करने के लिए 4G स्पेक्ट्रम का रेलवे को ज्यादा आवंटन किया गया है। अब तक रेलवे 2G स्पेक्ट्रम का उपयोग करती थी। ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन की व्यवस्था अब रेलवे में बहुत ज्यादा मजबूत की जा रही है। दो गाड़ियों का टकराव न हो, इसके लिए जो व्यवस्था बनी है, उसे 4 भारतीय कंपनियों ने बनाया है।

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