- भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें उन दरों पर बनी रहेंगी
- जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में मौजूद थीं, यानि मार्च 2021 तक लागू होने वाली दरें
- इससे पहले छोटी बचत योजनाओं की दरों में 50-100 आधार अंकों की कमी की गई थी
केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती करने का फैसला वापस ले लिया है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है, गौरतलब है कि देर रात ही खबर आई थी कि फाइनेंशियल ईयर 2021- 22 की पहली तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर बयाज दर घटा दी गई है, लेकिन अब ये फैसला वापस ले लिया गया है
भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें उन दरों पर बनी रहेंगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में मौजूद थीं, यानि मार्च 2021 तक लागू होने वाली दरें।
गौरतलब है कि सरकार ने बुधवार यानि 31 मार्च को आम आदमी को जोरदार झटका दिया था पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, एनएससी, छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती कर दी थी।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, छोटी बचत योजनाओं की दरों में 50-100 आधार अंकों की कमी की गई थी।
छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती की थी
वित्त मंत्रालय द्वारा छोटी बचत योजनाओं जैसे पीपीएफ, एसएसवाई, एससीएसएस, एनएससी, केवीपी आदि के लिए ब्याज दरों की समीक्षा तिमाही आधार पर की जाती है। सरकार ने पिछली तीन तिमाहियों में अपरिवर्तित रखने के बाद छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती की थी। वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में बड़े पैमाने पर (100 आधार अंकों / बीपीएस = 1%) की कटौती की गई थी।
यह दूसरी बार है जब सरकार ने पिछले एक साल में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती की है, 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में, सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की दरों में 70-140 बीपीएस की कमी की थी।