- इस साल 14 मार्च के बाद पहली बार जीएसटी काउंसिल की मीटिंग हो रही है
- इस बैठक में केंद्र और राज्यों के राजस्व पर पड़े प्रभाव पर भी चर्चा होगी
- राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए फंड जुटाने के तरीकों पर विचार होगा
नई दिल्ली : कोरोना वायरस की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन के बाद पहली बार आज (12 जून) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की बैठक हो रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल की 40वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इसमें राज्यों के वित्त मंत्री भी भाग लेंगे। बैठक में टैक्स राजस्व पर कोरोना वायरस के प्रभाव पर विचार-विमर्श होगी। सूत्रों के मुताबिक बैठक में कोरोना वायरस की वजह से केंद्र और राज्यों के राजस्व पर पड़े प्रभाव की समीक्षा होगी। साथ ही इसकी भरपाई के उपायों पर भी विचार किया जाएगा। कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
- सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में राज्यों को मुआवजे के भुगतान की रूपरेखा पर फैसला हो सकता है।
- काउंसिल अगस्त, 2017 से जनवरी, 2020 के दौरान जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने के लिए विलंब शुल्क को माफ करने पर भी विचार करेगी।
- इस बैठक में टैक्स दरों में बदलाव पर कोई चर्चा नहीं होगी।
- परिषद जीएसटी के क्रियान्वयन से राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए फंड जुटाने के तरीकों पर विचार करेगी।
- सूत्रों ने कहा कि बैठक में कोरोना वायरस की वजह से केंद्र और राज्यों के राजस्व पर पड़े प्रभाव की समीक्षा होगी। साथ ही इसकी भरपाई के उपायों पर भी विचार किया जाएगा।
- टैक्स संग्रह में कमी तथा जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की तारीख आगे बढ़ाने की वजह से सरकार ने अप्रैल और मई माह के जीएसटी संग्रह के आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
जीएसटी काउंसिल की इससे पिछली 14 मार्च को हुई बैठक सीतारमण ने कहा था कि केंद्र सरकार मुआवजे की जरूरत को पूरा करने के लिए जीएसटी परिषद द्वारा बाजार से कर्ज जुटाने की कानूनी वैधता पर गौर करेगी। जीएसटी कानून के तहत राज्यों को एक जुलाई, 2017 से जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद पहले 5 साल तक राजस्व नुकसान की भरपाई की गारंटी दी गई है।