- अमेरिका ने एच-1बी वीजा पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है।
- अमेरिकी सरकार के इस फैसले के बाद भारतीय टेक प्रोफेशनल्स का रुझान कनाडा की तरफ बढ़ा
- इमिग्रेशन के मामले में कनाडा सरकार के नियम कायदे भारतीय कामगारों के लिए अनुकूल
नई दिल्ली। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मे एच-1बी वीजा दिसंबर 2020 तक के लिए निलंबित कर दी। इसके पीछे हवाला यह है कि इस वीजा से अमेरिकियों को नौकरी नहीं मिल पा रही है और बेरोजगारी के लिए बड़ी वजह है। लेकिन 2017 में कनाडा द्वारा जारी फास्ट ट्रैक वीजा प्रोग्राम में भारतीय टेक कामगारों को उम्मीद जगी है और यदि ऐसा है तो उसके पीछे ठोस वजह भी है।
कनाडा ग्लोबल स्किल्स स्ट्रैटिज प्रोग्राम का मिल रहा फायदा
कनाडा ग्लोबल स्किल्स स्ट्रैटिज प्रोग्राम के तहत पहले तीन साल में वीजाधारकों की संख्या में तीगुना बढ़ोतरी हुई है। इस संबंध में इमीग्रेशन, रेफ्यूजीज एंड सिटीजनशिप कनाडा के तहत जो डेटा जारी किया गया है उसमें पांच टेक कैटेगरी में इजाफा हुआ है। यही नहीं कनाडा सरकार ने 2300 अर्जियों को जनवरी से मार्च 2020 के अंदर मंजूरी भी दे दी। वैंकुवर में मैकक्रिया से जुड़े काइल हिंडमैन का कहना है कि अमेरिकी सरकार के फैसले के बाद अमेरिका में कार्यरत वो कर्मचारी जो गैर अमेरिकी है उन्होंने संपर्क साधा है।
चुनाव को ध्यान में रखकर अमेरिकी सरकार का फैसला
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कुछ वीजा पर विदेशी श्रमिकों को संयुक्त राज्य में प्रवेश करने से अस्थायी रूप से ब्लॉक करने का ऐलान किया था। कि ट्रम्प प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी श्रमिकों के लिए 525,000 नौकरियों का निर्माण होगा। हाइडमैन कहते हैं कि अमेरिकी सरकार के फैसले के बाज लोगों ने अगले दिन बहुत ज्यादा संपर्क करना शुरू कर दिया है, शायद एक सुझाव है कि इसमें और अधिक लोगों की दिलचस्पी होने वाली है