- H-1बी वीजा और L-1 को सस्पेंड करने का मन बना रही अमेरिकी सरकार
- अमेरिका सबसे ज्यादा एच-1बी वीजा भारत को करता है जारी
- एच-1बी के साथ साथ एच-2 बी और जे-1 वीजा को भी किया जा सकता है सस्पेंड
वाशिंगटन: इस तरह की जानकारी सामने आ रही है कि ट्रंप प्रशासन H-1बी वीजा और L-1 को सस्पेंड करने का मन बना रही है। दरअसल एच-1बी वीजा की मदद से भारतीय पेशेवर अमेरिका में जाकर काम करते हैं और एल-1 के तहत अमेरिका में मौजूद भारतीय कंपनियां आंतरिक स्तर पर कर्मचारियों का तबादलें करती हैं। दरअसल इस तरह की खबरें पहले भी आती रही हैं कि ट्रंप प्रशासन घरेलू मोर्चे पर बेरोजगारी की समस्या से परेशान हैं। अमेरिकी नागरिकों के लिए रोजगार नहीं है और बाहरी लोगों नौकरियों पर वीजा की मदद से कब्जा करते जा रहे हैं।
अमेरिका में बेरोजगारी से ट्रंप प्रशासन मुश्किल में
इस तरह के हालात में ट्रंप प्रशासन को लगता है कि रिपब्लिकन पार्टी की साख को बनाए रखने के लिए इस तरह के कड़े कदम उठाने होंगे। अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से हालात और खराब हुए हैं। इसके साथ ही बताया यह भी जा रहा है कि ट्रंप सरकार एच-2 बी वीजा को भी सस्पेंड कर सकती है। इसके तहत सीजनल कामगारों(होटल और कंस्ट्रक्शन फील्ड) को अमेरिका में काम करने की इजाजत मिलती है। इसके साथ ही जे-1 वीजा (इसमें रिसर्ट स्कॉलर, प्रोफेसर और दूसरे सांस्क़ृतिक कार्यक्रमों से जुड़े लोग शामिल) किया जा सकता है।
एच-1बी के साथ साथ दूसरे वीजा पर भी विचार
ट्रंप सरकार के इस विचार मात्र से ही अमेरिका में खुशी की लहर है। इस संबंध में अमेरिकन इमिग्रेशन रिफॉर्म के निदेशक आर जे होमन का कहना है कि संकट की घड़ी में इस तरह का फैसला अमेरिका के हित में होगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप प्रशासन से गेस्ट वर्करों के लिए दिए जाने वाले वीजा को भी निलंबित रखने का सुझाव दिया गया है। हमने देखा है कि इन प्रावधानों का दुरुपयोग किया जा रहा है और सरकार को इसे देखना चाहिए।
2018 से अमेरिकी सरकार ने शुरू की कड़ाई
ट्रम्प प्रशासन ने 2018 पहले उन कंपनियों के लिए नियम कड़े किए थे जो कुशल श्रमिकों को अनुबंधित करती हैं, जो इस देश में H-1V वीजा पर हैं। लेकिन यह पाया गया है कि अमेरिकी कंपनियां खुद इसका बेजा इस्तेमाल करने लगीं। अमेरिकी कंपनियां उन स्थितियों में अत्यधिक कुशल विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने के लिए उनका उपयोग करती हैं। अमेरिकी कंपनियों से कहना शुरू कर दिया कि हमारे यहां के बच्चों में टैलेंट की कमी है और इसकी वजह से वो ज्या कुशल कामगारों को तवज्जो दे रही हैं।
भारत पर किस तरह होगा प्रभावित
अब सवाल यह है कि भारत पर इसका किस तरह असर पड़ेगा। दरअसल एच-1बी वीजा जो जारी किये जाते हैं उसमें 85 फीसद हिस्सेदारी भारत की होती है। भारत के आईटी पेशेवर अमेरिका जाकर काम करते हैं और बड़ी मात्रा में फारेने रेमिटैंस भेजते हैं। अगर ट्रंप प्रशासने वीजा को निलंबित किया तो भारतीय पेशेवर बेरोजगार हो जाएंगे और उन्हें भारत वापस आना पड़ेगा। ऐसे हालात में नौकरी के संकंट के साथ साथ भारत को विदेशी राजस्व का भी नुकसान होगा। लिहाजा जब इस विषय पर अमेरिका नकारात्मक रुख अपनाता है तो चिंता बढ़ जाती है।