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Investment tips for Women: महिलाओं के लिए मौजूद हैं कई धमाकेदार स्कीम, इनमें करें निवेश

Updated Mar 08, 2022 | 09:51 IST

Happy Women's Day 2022: अनिश्चितताओं का मुकाबला करने के लिए बीमा कवर रखने के अलावा महिलाओं को आत्मनिर्भर और किसी भी स्थिति के लिया तत्पर होने के लिए मुद्रा में निवेश करने की जरूरत है।

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Investment tips for Women: महिलाओं के लिए मौजूद हैं कई धमाकेदार स्कीम, इनमें करें निवेश (Pic: iStock)

Happy Women's Day 2022: निवेश करने के मामले में भारत में महिलाएं पहले ही पुरुषों से आगे रही हैं। निवेश करने में पुरुषों की तुलना में महिलाएं काफी बेहतर हैं। इसका मतलब है कि वे आधी लड़ाई जीत चुकी हैं। बाकी आधी लड़ाई निवेश के लिए सही इंस्ट्रूमेंट चुन कर जीती जा सकती है।

घर में या बैंक में या किसी ऐसे इंस्ट्रूमेंट में जो महंगाई का मुकाबला नहीं कर सकता, अपने पैसों को नकद रूप में रखना बचत की श्रेणी में आ सकता है, लेकिन यह पैसों के प्रबंधन का कुशल तरीका नहीं है। भारत में, अब महिलाओं के लिए फंड्स निवेश करने के अनेक अवसर हैं। विविध विकल्पों पर गौर करने के पहले एक ज़रूरी बात है, जल्द से जल्द आरम्भ करना। निवेश करने में दो घटक काम करते हैं और वे हैं, रिटर्न और समय। जबकि कोई संपत्ति जो प्रतिलाभ पैदा करती है, वे हमारे वश में नहीं होते, हम यथासंभव जल्द से जल्द निवेश करके अधिकतम पाने का प्रयास कर सकते हैं।

भारतीय महिलाओं के लिए उपलब्ध निवेश के विकल्प
आइए, हम भारतीय महिलाओं के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों (Investment tips for Women) पर नजर डालें और इस सिलसिले में उन परम्परागत बचत साधनों से शुरुआत करें जो भारतीय महिलाओं के लिए सदियों से प्राथमिक रहे हैं, और वह है - सोना।

सोना (Gold)
धन के संरक्षण के लिए सोने का प्रयोग हमारे इतिहास से जुड़ा है और इसने हमें शायद ही कभी धोखा दिया है। हालांकि, भौतिक सोने में बचत करने के बदले सरकार ने एक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) के नाम से एक नई योजना आरम्भ की है जिसमें सोने को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाता है और उस पर थोड़ा ब्याज भी मिलता है। सोना सुरक्षा की भावना प्रदान करता है और प्रतिलाभ देने के मामले में समय की कसौटी पर जांचा-परखा हुआ है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड्स (PPF)
पूंजी की रक्षा करने वाला एक अगला आम साधन है पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) । यह एक दीर्घकालीन बचत योजना है जिसकी अवधि 15 वर्षों की होती है। यह योजना किसी बचत खाते या अधिकांश फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं की तुलना में बेहतर ब्याज और रिटर्न प्रदान करती है। वर्तमान में इसकी ब्याज दर 7.1 फीसदी वार्षिक है। वार्षिक निवेश 500 रुपये की छोटी राशि से आरम्भ करके अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक हो सकती है।

किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra)
यह एक और प्रचलित निवेश योजना है जो पोस्ट ऑफिस में मिलती है। इसमें समय-समय पर पैसा जमा किया जा सकता है। यह सिस्‍टैमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) 9 वर्ष 5 महीने के लिए वैध है और इसका वर्तमान ब्याज दर 6.9 प्रतिशत सालाना है। यह योजना पूँजी की रक्षा के साथ भी मिलती है और इसमें न्यूनतम 1,000 रुपये और उसके बाद 1000 के गुणक में निवेश किया जा सकता है। इसमें अंशदान की कोई अधिकतम सीमा नहीं है।

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (National Saving Scheme, NSC)
यह एक और योजना है जो पोस्ट ऑफिस द्वारा प्रदान किया जाता है। इसकी वर्तमान ब्याज दर 6.8 प्रतिशत वार्षिक है। एनएससी नौकरी-पेशा वाली महिलाओं के बीच लोकप्रिय है, क्योंकि इसमें निवेश और टैक्स की कटौती का लाभ मिलता है। इस योजना की अवधि 5 वर्ष और 10 वर्ष की है।

पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम (Post Office Time Deposit Scheme)
यह योजना अलग-अलग अवधि के लिए जमा के विकल्प मुहैया करती है। इसकी समयावधि 1 वर्ष, 2 वर्ष, 3 वर्ष और 5 वर्ष की है। इसमें केवल 5 वर्ष के जमा के लिए ही इनकम टैक्स में छूट का लाभ मिलता है। इसका प्रतिलाभ (रिटर्न) जमा अवधि के अनुसार अलग-अलग होता है। फिलहाल एक-वर्षीय जमा पर 5.5 प्रतिशत और पाँच-वर्षीय जमा पर 6.7 प्रतिशत रिटर्न मिलता है।

पोस्ट ऑफिस द्वारा दी जाने वाले एक और योजना है पोस्ट-ऑफिस मंथली इनकम स्कीम, यानी मासिक आमदनी योजना। यह एक प्रकार की फिक्स्ड डिपॉजिट योजना है जो पोस्ट ऑफिस द्वारा प्रदान की जाती है और इसे भारत सरकार का संरक्षण प्राप्त है। इसकी अवधि 5 वर्ष की है और वर्तमान में यह 6.6 प्रतिशत रिटर्न प्रदान करती है।

बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट्स या कॉर्पोरेट डिपॉजिट्स (Fixed Deposit, Corporate Deposit)
यह ट्रिपल ए (AAA) रेटिंग वाली योजना है और निवेश करने के लिए एक बढ़िया साधन है। इसमें रिटर्न की दर बैंकों और कॉर्पोरेटों के साथ अलग-अलग होती है। इन निवेशों के लिए निवेश राशि की कोई अधिकतम सीमा नहीं है।

म्यूच्यूअल फंड्स (Mutual Funds)
ये फंड्स निवेश के साधन के रूप में लगातार अधिकाधिक लोकप्रिय हो रहे हैं। म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के लिए लिक्विड, डेट, और इक्विटी योजनाओं जैसे अनेक विकल्प उपलब्ध हैं। इन योजनाओं में रिटर्न अलग-अलग होते हैं और इसमें अपने लक्ष्य तथा जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर निवेश करना चाहिए। इस एसआईपी को आरम्भ करना क्रमिक निवेश का एक बढ़िया रास्ता है। म्यूचुअल फंड्स टैक्स की कटौती भी प्रदान करते हैं लेकिन इक्विटी योजनाओं जैसे कुछ निवेश में पूँजी की रक्षा सुनिश्चित नहीं होती। म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के पहले यथोचित छान-बीन कर लेनी चाहिए।

शेयर (Share)
शेयर में अच्छी तरह अध्ययन करने और समझ प्राप्त करने के बाद ही निवेश करना चाहिए। शेयरों में निवेश पर सामान्यतया उच्चतम प्रतिलाभ मिलता है, लेकिन इनके साथ जोखिम भी उच्चतम होता है। सर्वोत्तम प्रतिलाभ तब संभव हो सकता है, अगर बढ़िया ग्रोथ वाले शेयरों में निवेश किया जाए और निवेश में लंबे समय तक बना रहा जाए।

भारत में निवेश के मामले में महिलाओं के पास विकल्पों की भरमार है। महत्वपूर्ण चीज है कि बगैर समझदारी के किसी भी इंस्ट्रूमेंट में पैसा फंसा देने के बदले निवेश के लिए एक उचित रूपरेखा बनाई जाए। एक लक्ष्य निर्धारित करना, इसे प्राप्त करने के लिए समय का होना और अपेक्षित निवेश के विकल्प की छानबीन सबसे बढ़िया तरीका है।

(इस लेख के लेखक, TradeSmart के CEO विकास सिंघानिया हैं)
(डिस्क्लेमर:  ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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