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Indian Railway: 'कुतुबमीनार' से भी ऊंचे प्लेटफॉर्म और 'रेलवे ट्रैक', 'कश्मीर से कन्याकुमारी' तक जल्द दौड़ेगी रेल

Updated May 29, 2022 | 17:01 IST

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि 272 किलोमीटर लंबी ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के शेष बचे 111 किलोमीटर के हिस्से पर कार्य तेज गति से चल रहा है। 111 किलोमीटर हिस्से का 58 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक का हिस्सा टनल से होकर गुजरेगा।

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भारतीय रेलवे (फाइल फोटो, साभार-istock)

नई दिल्ली: कश्मीर से कन्याकुमारी को जोड़ने वाला रेलवे नेटवर्क प्रोजेक्ट अब जल्द ही पूरा होने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत कुतुबमीनार से भी ज्यादा ऊंचाई पर बने प्लेटफॉर्म और ट्रैक पर ट्रेन चलेगी जो अपने आप में वैज्ञानिक उपलब्धि से कम नहीं।देश के अन्य हिस्सों से कश्मीर तक जल्द से जल्द रेल पहुंचाने के लिए रेलवे पूरी कोशिश कर रहा है। रेलवे ने श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना को पूरा करने का डेड लाइन अप्रैल 2023 निर्धारित किया है।

वहीं कटरा बनिहाल रेलवे स्टेशन का काम अंतिम चरण में है जहां रियासी रेलवे स्टेशन बनाया जा रहा है। रियासी जिले में 105 फुट गहरी खाई पर बने पुल नंबर 39 पर रेलवे स्टेशन बनाने के लिए गार्डर लगाने का काम पूरा कर लिया गया है। दो लाइनों और दो प्लेटफार्म वाला रियासी स्टेशन इसी पुल पर बनाया जा रहा है, जो इंजीनिरिंग का चमत्कार होगा। इस पुल का निर्माण दो साल के भीतर पूरा किया जाएगा।

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इन पुल में लगे तमाम खंभों में बीच के खंभे की ऊंचाई कुतुबमीनार से भी ऊंची है। इन पुलों के ऊपर दो प्लेटफॉर्म बनाये गए हैं और पुल का एक हिस्सा स्टेशन से जुड़ा हुआ है जो दोनों ओर से टनल से जुड़ा हुआ है। पुल को भूकंपरोधी भी बनाया गया है।

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पुल की कुल लंबाई 726 मीटर है

नींव के ऊपर से तोरण (पायलन) की ऊंचाई 193 मीटर है। पुल, नदी तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पुल की कुल लंबाई 726 मीटर है, जबकि मुख्य पुल की लंबाई 473.25 मीटर है। इस पुल को 96 केबलों का सहयोग प्राप्त होगा, जिनकी लंबाई 82 मीटर से 295 मीटर तक होगी ताकि हिमालय के क्षेत्र में जब तेजी से ट्रेन दौड़े तो कोई दिक्कत ना हो। रेलवे के मुताबिक स्टेशन पर करीब 100 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चलाई जाएगी। घाटी में नाले के ऊपर इस पुल को बनाकर तैयार किया गया है जिस पर ट्रैक बिछाने का काम जारी है।

डेक में 15 मीटर चौड़े कंपोजिट स्टील गार्डर  

इसी कड़ी में फिलहाल तोरण का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और डेक का निर्माण कार्य चल रहा है। इस डेक में 15 मीटर चौड़े कंपोजिट स्टील गार्डर हैं, जिनकी गहराई 10 मीटर है। पहले चरण में 370 मीट्रिक टन के प्रबलित स्टील और 900 क्यूसिक मीटर कंक्रीट के निरंतर ढलाव वाले 196.25 मीटर लंबे डेक की कास्टिंग का कार्य शामिल है।

देश की सबसे लंबी रेल टनल के दोनों सिरे मिलाने में सफलता हासिल

इससे पहले फरवरी माह में उत्तर रेलवे ने कटरा-बनिहाल सेक्शन में देश की सबसे लंबी रेल टनल के दोनों सिरे मिलाने में सफलता हासिल की था। 12.758 किलोमीटर लंबी टी-49 टनल में लाइन एंड लेवल ब्रेकथ्रू के साथ ही कश्मीर घाटी को रेल के जरिये देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने का काम तेज होगा। भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के शेष भाग को मिशन मोड में पूरा किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही कन्याकुमारी से कश्मीर तक डायरेक्ट ट्रेन चलेगी। रेलवे के अनुसार यह प्रोजेक्ट सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। कश्मीर घाटी को देश के शेष भागों से जोड़ने वाली 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-बारामूला रेल लिंक परियोजना को वर्ष 2002 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था।

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