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कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली-एनसीआर में 50% बढ़ी घरों की बिक्री, देश के केवल 3 शहरों में इजाफा

Home sales increased by 50% in Delhi-NCR during Corona second wave, revealed in PropTiger report
Updated Jul 13, 2021 | 15:32 IST

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बावजूद दिल्ली एनसीआर में घरों की बिक्री में इजाफा हुआ है। जबकि मुंबई में गिरावट हुई है।

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Home sales increased by 50% in Delhi-NCR during Corona second wave, revealed in PropTiger reportHome sales increased by 50% in Delhi-NCR during Corona second wave, revealed in PropTiger report
तस्वीर साभार:&nbspBCCL
दिल्ली-एनसीआर में घरों की डिमांड बढ़ी
मुख्य बातें
  • एनसीआर में घरों की बिक्री में गुरुग्राम सबसे आगे।
  • प्रमुख 8 शहरों में कुल बिक्री में एनसीआर की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत है।
  • देश के कुल 8 प्रमुख मार्केट में से केवल 3 शहरों में वृद्धि हुई।

प्रमुख ऑनलाइन रियल एस्टेट ब्रोकरेज फर्म प्रॉपटाइगरडॉटकॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट मार्केट दिल्ली-एनसीआर में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बिक्री इस साल अप्रैल-जून के दौरान कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बावजूद अधिक मांग के चलते 50 प्रतिशत सालाना तौर बढ़ी। अपनी तिमाही रिपोर्ट रियल इनसाइट (रेजिडेंशियल) अप्रैल-जून 2021 में, प्रॉपटाइगर ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर के प्राथमिक मार्केटों में बिक्री अप्रैल-जून 2021 के दौरान बढ़कर 2,828 यूनिट हो गई, जो एक साल पहले की अवधि में 1,886 यूनिट थी। 

दिल्ली-एनसीआर, अहमदाबाद और हैदराबाद प्रॉपटाइगर द्वारा ट्रैक किए देश के कुल आठ प्रमुख मार्केट में से केवल तीन ऐसे शहर थे, जहां बिक्री की संख्या में वृद्धि देखी गई। जबकि शेष पांच शहरों - मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR), पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई में मांग में गिरावट देखी गई।  इस कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही में आठ शहरों में बिक्री 16 प्रतिशत घटकर 15,968 यूनिट रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 19,038 यूनिट थी। क्रमिक आधार पर बिक्री में 76 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

मणि रंगराजन, ग्रुप सीओओ, हाउसिंगडॉटकॉम, मकानडॉटकॉम और प्रॉपटाइगरडॉटकॉम ने कहा कि पिछले 5-6 वर्षों में होम लोन पर कम ब्याज दरों और प्रॉपर्टी की स्थिर कीमतों के कारण रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी बहुत सस्ती हो गई हैं। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी ने हमें यह महसूस कराया है कि एक घर का मालिक होना कितना महत्वपूर्ण है और वह रिमोट वर्किंग के लिए अनुकूल एक निश्चित आकार का भी हो। इन कारकों ने एक अभूतपूर्व वैश्विक स्वास्थ्य संकट के बीच हाउसिंग ,मार्केट को लचीला बनाए रखा है। क्रमिक आधार या पिछली तिमाही की तुलना में दिल्ली एनसीआर में घरों की बिक्री अप्रैल-जून के दौरान 54 प्रतिशत घटकर 2,828 यूनिट रह गई, जो पिछली तिमाही में 6,188 यूनिट थी। मानव जीवन पर दूसरी लहर के विनाशकारी प्रभाव के कारण अप्रैल व मई के दौरान मांग लगभग पूरी तरह समाप्त हो गई थी।

दिल्ली-एनसीआर कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान सबसे बुरी तरह प्रभावित शहरों में से एक था। दिल्ली-एनसीआर - गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के पांच मुख्य शहरों का एक पूरा समूह - घरों की बिक्री के मामले में मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के बाद दूसरे स्थान पर था, जो समूचे देश में घरों की कुल बिक्री में 18 प्रतिशत का हिस्सा था। मुंबई ने देश में घरों की कुल बिक्री में लगभग 21 प्रतिशत का योगदान दिया। 1,020 यूनिट की बिक्री के साथ गुरुग्राम की 36 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी जो एनसीआर के प्रमुख शहरों में कुल बिक्री में सबसे अधिक है। फरीदाबाद और गाजियाबाद की क्रमश: 18 फीसदी और 12 फीसदी हिस्सेदारी रही। 

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी मांग बढ़ी और इनका दिल्ली एनसीआर में कुल बिक्री में 34 प्रतिशत का योगदान था। गुरुग्राम में घरों की बिक्री अप्रैल-जून 2021 तिमाही के दौरान बढ़कर 1020 यूनिट हो गई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 885 यूनिट थी। पिछली तिमाही में मांग 2946 यूनिट से कम थी। ग्रेटर नोएडा में बिक्री 521 यूनिट की रही, जो 2020 की दूसरी तिमाही में 484 यूनिट से अधिक थी। पिछली तिमाही में 1153 यूनिट की बिक्री हुई थी।

इस साल अप्रैल-जून के दौरान नोएडा में 437 यूनिट्स की बिक्री हुई। एक साल पहले की अवधि में मांग 361 यूनिट और पिछली तिमाही में 1132 यूनिट थी। गाजियाबाद में 2020 की दूसरी तिमाही में घरों की बिक्री 152 यूनिट से बढ़कर 2021 की दूसरी तिमाही में 331 यूनिट हो गई। हालाँकि पिछली तिमाही के आधार पर मांग 801 यूनिट से गिर गई।

फरीदाबाद में इस साल अप्रैल-जून के दौरान 519 यूनिट के साथ घरों की बिक्री में तेज उछाल देखा गया। साल 2020 की दूसरी में मांग 4 यूनिट और इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में 156 यूनिट रही। फरीदाबाद एनसीआर में एकमात्र माइक्रो-मार्केट रहा, जिसने साल-दर-साल और तिमाही-दर-तिमाही आधार पर बढ़ोतरी देखी | हालाँकि यहाँ आधार कम था | 

कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच बिल्डर्स बड़े पैमाने पर नए प्रोजेक्टों या मौजूदा प्रोजेक्टों के नए फेज को शुरू करने में कतराते रहे। नतीजतन, अप्रैल-जून 2021 के दौरान नए घरों की सप्लाई घटकर मात्र 818 यूनिट रह गई, जो एक साल पहले की अवधि में 2016 यूनिट के साथ 59 प्रतिशत की तेज गिरावट है। तिमाही आधार पर पिछली तिमाही के 4,778 यूनिट के साथ 83 प्रतिशत की गिरावट आई। दिल्ली-एनसीआर में लॉन्च की गई कुल 818 यूनिट में से 94 प्रतिशत नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्थित थीं। गुरुग्राम में नई सप्लाई ठप रही। 2021 की दूसरी तिमाही में फरीदाबाद और गाजियाबाद में कोई नया लॉन्च नहीं हुआ।

रंगराजन ने आगे कहा कि अप्रैल-जून तिमाही के दौरान दिल्ली-एनसीआर में नई सप्लाई बहुत कम थी। एक तरह से यह दिल्ली-एनसीआर प्रॉपर्टी मार्केट के लिए एक वरदान है, जिसमें बड़े पैमाने पर बिना बिके घरों के स्टॉक हैं। धीमी लेकिन स्थिर घरों की बिक्री के साथ नए घरों की कम सप्लाई की वजह से जून तिमाही के अंत में अनसोल्ड हाउसिंग स्टॉक में 1,03,269 यूनिट्स के साथ साल-दर-साल 7 फीसदी की गिरावट देखी गई।

 इन्वेंट्री ओवरहैंग 2021 की दूसरी तिमाही में पिछले साल की समान अवधि में 53 महीने से बढ़कर 64 महीने हो गया है। शीर्ष आठ शहरों में दिल्ली एनसीआर का इन्वेंटरी स्टॉक सबसे ज्यादा है। नए लांच प्रोजेक्ट की कीमतें मार्च तिमाही के अंत से मामूली वृद्धि के साथ अपेक्षानुसार काफी हद तक स्थिर रहीं। औसत घरों की कीमतें एक साल पहले 4,293 रुपए प्रति वर्गफुट और 2021 कैलेंडर वर्ष की जनवरी-मार्च अवधि के दौरान 4327 रुपए प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 4,377 रुपये प्रति वर्गफुट हो गईं।
 

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