नई दिल्ली: फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश के सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक है जहां हम जोखिम से मुक्त निवेश कर सकते हैं। अगर आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पैसे बचाना चाहते हैं, तो सावधि जमा (एफडी) सबसे अच्छा विकल्प है। अपने निवेश से सबसे अच्छा रिटर्न पाने के लिए, सबसे अच्छे सावधि जमा (एफडी) योजना को चुनना आवश्यक है। सबसे अच्छी योजना वह होगी जो आपको आपके फंड में लॉक-इन करने के लिए सबसे ज्यादा ब्याज दर देती है और दूसरी ओर यह सुरक्षित भी हो।
फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम के लिए आवेदन करने से पहले आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए। यदि आप एकमुश्त राशि का निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो एफडी एक अच्छा विकल्प है और इस पैसे पर दी जाने वाली ब्याज दर आमतौर पर बचत खाते पर दी जाने वाली दर से अधिक होती है। अगर आप उनकी बचत पर अनावश्यक जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं, तो एफडी अच्छा बचत विकल्प हैं। आपको सबसे अच्छी-फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम चुनने के लिए ब्याज दर, बैंक की विश्वसनीयता जैसी चीजों पर विचार करना चाहिए।
सबसे अच्छी एफडी योजना कैसे चुनें
भुगतान किया गया ब्याज: भुगतान की गई ब्याज की दर की तुलना करना सबसे अहम कारक है जो हमें सबसे अच्छी सावधि जमा यानी फिक्स्ड डिपॉजिट योजना चुनने में मदद करता है। इस तरह, तुलना करनी चाहिए और एक अच्छा विकल्प चुनना चाहिए।
एफडी की विश्वसनीयता: एफडी लेते समय सिर्फ सबसे ज्यादा ब्याज पाने के जाल में न पड़ें। इसके अलावा, अन्य चीजों को भी ध्यान में रखें जैसे कि एफडी प्रदाता की विश्वसनीयता। ऐसी 'ए-रेटेड' योजनाओं पर जाएं और जिनके पास आईसीआरए या क्रिसिल जैसे प्रतिष्ठित संगठनों से विश्वसनीय रेटिंग है।
समय अवधि: आपको अपने फिक्स्ड डिपॉजिट की लॉक-इन अवधि की भी जांच करनी चाहिए। अगर जमा लंबी अवधि के लिए किया जाता है, तो आपको अधिक ब्याज दर मिलेगी।
जुर्माना रेट: कई बार किसी परिस्थिति के कारण, आपको तारीख से पहले एफडी को तोड़ने की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए, एफडी में निवेश करने से पहले, आपको यह जांचना होगा कि क्या आपके परिपक्वता से पहले अपनी एफडी को तोड़ने की संभावना है, क्योंकि ऐसा करने पर पेनाल्टी यानी जुर्माना चुकाना पड़ता है। विश्लेषण करने के बाद, आप निवेश करने का निर्णय ले सकते हैं।
ब्याज भुगतान का विकल्प: निवेश करने से पहले, आपको यह देखना होगा कि क्या आपकी एफडी आपको कई तरह के ब्याज भुगतान विकल्प दे रही है। इसके अलावा, ब्याज भुगतान पर आवृत्ति की भी जांच करना जरूरी है। भुगतान मासिक, त्रैमासिक, वार्षिक या अर्ध-वार्षिक रूप से कई मामलों में किया जाता है, इस तरह आपको ब्याज भुगतान की आवृत्ति की जांच करनी चाहिए।