लाइव टीवी

वैश्विक मंदी की आहट, अमेरिका-चीन से ज्यादा रहेगी भारत की आर्थिक रफ्तार

Updated Jul 27, 2022 | 10:47 IST

GDP Growth: इकोनॉमी के मोर्चे पर बुरी खबर है। आईएमएफ ने भारत का ग्रोथ अनुमान को कम कर दिया है, लेकिन अमेरिका और चीन से देश की रफ्तार ज्यादा रहेगी।

Loading ...
कोरोना, महंगाई, युद्ध, आदि की वजह से वैश्विक मंदी की आहट (Pic: iStock)

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने ग्लोबल विकास दर के साथ- साथ भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद के वृद्धि के अनुमान को भी कम कर दिया है। इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ने कहा है कि अगर अगर ध्यान नहीं दिया गया, तो उच्च महंगाई दर और यूक्रेन में युद्ध से होने वाले रिस्क की वजह से ग्लोबल इकोनॉमी (Economy) में सबसे खराब मंदी की संभावना है। आईएमएफ ने उच्च मुद्रास्फीति, मंदी की संभावना, रूस-यूक्रेन संकट, चीन में मंदी जैसे ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति की वजह से भारत के विकास अनुमान को कम कर दिया है।

कम हुआ भारत का विकास अनुमान
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने साल 2022 के लिए भारत के लिए अपने वार्षिक विकास (Economic Growth) अनुमान को 0.8 प्रतिशत घटाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही आईएमएफ ने भारत के लिए अपने 2023 के अनुमान को भी 0.8 प्रतिशत अंक घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया। ये संशोधित पूर्वानुमान आईएमएफ की अप्रैल की विश्व आउटलुक रिपोर्ट के सापेक्ष हैं।

वर्ल्ड बैंक ने भी घटाई भारत की विकास दर
विश्व बैंक ने भी 2022-23 के लिए भारत के लिए अपने अनुमानों को 8 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है, इसे कोविड -19 मामलों में वृद्धि (Coronavirus Cases), संबंधित गतिशीलता प्रतिबंधों और यूक्रेन में युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया है। मामले से संबंधित एक अधिकारी ने भारत के लिए आईएमएफ के पूर्वानुमान को 'तर्कसंगत' कहा था।

अधिकारी ने कहा, "उदास वैश्विक दृष्टिकोण और मुद्रास्फीति के ट्रांजिशन को देखते हुए, भारत के लिए आईएमएफ का विकास पूवार्नुमान इसे 0.8 प्रतिशत अंक से कम करना तर्कसंगत है। भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय कहीं अधिक लचीला प्रतीत होता है क्योंकि अमेरिका और चीन जैसे अन्य देश पूर्वानुमान में क्रमश: 1.4 और 1.1 प्रतिशत की कटौती की बात कर रहे हैं।"

सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में भारत
'इसके अलावा, आईएमएफ 2022 में भारत की विकास दर को 7.4 प्रतिशत के साथ सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में पेश करना जारी रखता है और इस दर के आसपास केवल अन्य देश 7.6 प्रतिशत के साथ सऊदी अरब है।'
(आईएएनएस से इनपुट्स के साथ)

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।