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ITR filing last date : 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यान

Updated Sep 23, 2020 | 15:26 IST

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख के कुछ ही दिन बचे है। इन बातों का विशेष ध्यान रखें।

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इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख
मुख्य बातें
  • वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2020 है
  • टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तिथि कोविड -19 महामारी के कारण तीन बार बढ़ाई गई
  • वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की तारीख 30 नवंबर 2020 है

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए  इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की तारीख 30 नवंबर 2020 है। 31 जुलाई, 2020 और 31 अक्टूबर, 2020 तक दाखिल की जाने वाली इनकम टैक्स रिटर्न 30 नवंबर, 2020 तक दाखिल किया जा सकता है। दूसरी ओर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बुधवार (23 सितंबर) को ट्वीट किया कि AY 2019-20 (FY 2018-19) के लिए बिलेटेड या रिवाईज्ड आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर, 2020 है। 2019-20 के लिए टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तिथि कोविड -19 महामारी के मद्देनजर तीन बार बढ़ाई गई। इसे पहले 30 जून तक और बाद में 31 जुलाई तक संशोधित किया गया था।

बिलेटेड आईटीआर रिटर्न की नियत तारीख आम तौर पर आकलन वर्ष (AY) के 31 जुलाई है। FY19 के लिए ITR दाखिल करने की नियत तारीख 31 अगस्त थी और मूल्यांकन वर्ष मार्च 2020 तक था। यद्यपि बिलेटेड आईटीआर दाखिल करने की तिथि बढ़ा दी गई है, लेकिन देर से दाखिल पेनल्टी और अनपेड टेक्स पर ब्याज से कोई राहत नहीं है। 

अगर करदाता को आईटीआर की देय तिथि (जो वित्त वर्ष 19 के लिए 31 अगस्त थी) मिस होती है, तो 31 दिसंबर तक बिलेटेड रिटर्न दाखिल करने पर 5,000 का फ्लैट जुर्माना लगाया जाएगा, और 31 दिसंबर के बाद और 31 मार्च तक फाइल करने पर 10,000 रुपए जुर्माना लगेगा।  5 लाख तक की आय वाले छोटे करदाताओं के लिए, 31 मार्च तक बिलेटेड आईटीआर दाखिल करने के मामले में 1,000 का जुर्माना लागू होता है। यहां तक कि अगर आप सितंबर तक FY19 के लिए बिलेटेड रिटर्न फाइल करते हैं, तो 10,000 का लेट फाइलिंग पेनल्टी देना होगा।

यदि आपके पास आईटीआर दाखिल करते समय कोई टैक्स बकाया था, तो आपको वित्त वर्ष 2019 के 1 सितंबर से शुरू होने वाले प्रत्येक महीने के लिए बकाया राशि पर 1% की दर से ब्याज देना होगा। इसके अलावा, यदि आप अग्रिम टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं, तो आपको इनकम टैक्स अधिनियम के संबंधित अनुभागों के तहत अग्रिम टैक्स भुगतान में देरी या डिफॉल्ट पर ब्याज का भुगतान करना होगा।

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