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Indian Economy : 'भारत में है क्षमता, अगले 15 साल में बन सकता है 10000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था'

Updated Sep 22, 2020 | 10:59 IST

हिंदुस्तान यूनिलीवर के चेयरमैन संजीव मेहता ने कहा कि भारत में क्षमता है अगले 15 साल में 10000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। 

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भारतीय अर्थव्यवस्था
मुख्य बातें
  • भारत में 10 प्रतिशत की ऊंची वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है
  • विनिर्माण, कृषि और फार्मा जैसे क्षेत्रों को डिजिटल बनाने की जरूरत है
  • हमें हर साल एक करोड़ रोजगार के अवसरों को सृजन करना है, तो 8 से 10 प्रतिशत की वृद्धि दर की जरूरत होगी

नई दिल्ली : हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने सोमवार (21 सितंबर) को कहा कि भारत में 10 प्रतिशत की ऊंची वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है और अगले 12 से 15 साल में यह 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। मेहता ने अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (आइमा) द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मौजूदा स्थिति को देश के लिए एक बड़ा अवसर बताया। उन्होंने कहा कि विनिर्माण, कृषि और फार्मा जैसे क्षेत्रों को डिजिटल बनाने की जरूरत है।

मेहता ने कहा कि पिछले तीन दशकों के दौरान हमने औसत 6 से 6.5 प्रतिशत की औसत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि हासिल की है। यदि हमें हर साल एक करोड़ रोजगार के अवसरों को सृजन करना है, तो 8 से 10 प्रतिशत की वृद्धि दर की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि देश में क्षमता है। 5,000 अरब डॉलर को भूल जाएं, अगले 12 से 15 साल में हम 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसे हासिल करने के लिए देश को बड़ा सपना देखना होगा, बड़ा सोचना होगा और बड़ा काम करना होगा।

मेहता ने कहा कि हमें ऐसे चरण में पहुंचना होगा, जहां हम वृद्धि का अच्छा चक्र हासिल कर सकें। जहां निवेश आए या फिर वास्तव में यह मांग के साथ शुरू हो। जब मांग बढ़ती है, निवेश बढ़ता है, आजीविका के अवसर बढ़ते हैं और वृद्धि का चक्र आगे बढ़ना शुरू होता है।

देश में कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 3,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था एयरबस ए380 विमान की तरह है। हमें इसे नीचे जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार पर उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दा वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए ब्याज दर का उचित स्तर तय करना है।

मेहता ने कहा कि अब हम ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं जहां सवाल यह है कि ब्याज दरों को कितना नीचे लाया जाए, जिससे अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ बड़े नियोक्ता महामारी से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। अब सवाल यह है कि उन्हें राहत कैसे इस संकट से उबारा जाये। यह देश के लिये स्वास्थ्य क्षेत्र की सुविधाओं में निवेश करने का बेहतर अवसर है।

दूसरा क्षेत्र है कृषि है जहां बेहतर संभावनायें हैं। देश की 60 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और 50 प्रतिशत लोग कृषि क्षेत्र में काम करते हैं। सरकार ने कृषि क्षेत्र के सुधारों की दिशा में जो कदम उठाये हैं वह पूरी तरह से सही दिशा में उठाये गये कदम है। इसी तरह का यहां ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने समूची अर्थव्यवसथा का डिजिटलीकरण करने और डेटा को राष्ट्रीय संपत्ति बनाने का सुझाव दिया।
 

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