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दिसंबर में धीमी गति से बढ़ी सेवा क्षेत्र की गतिविधियां, इतना रहा पीएमआई

Updated Jan 05, 2022 | 17:18 IST

आईएचएस मार्किट द्वारा संकलित सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स दिसंबर में घटकर 55.5 पर आ गया। नवंबर में यह 58.1 था।

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दिसंबर में तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंची सेवा क्षेत्र की गतिविधियां (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • दिसंबर में लगातार पांचवें महीने सेवा क्षेत्र में उत्पादन में वृद्धि देखी गई।
  • पिछले महीने के मुकाबले गतिविधियां धीमी गति से बढ़ी।
  • सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) 55.5 पर आ गया।

नई दिल्ली। भारत के सेवा क्षेत्र में दिसंबर में लगातार पांचवें महीने विस्तार हुआ, हालांकि पिछले महीने की तुलना में गतिविधियां धीमी गति से बढ़ी। मांग में वृद्धि हुई लेकिन कोविड​​​​-19 की एक और लहर और मुद्रास्फीति के दबाव पर चिंताएं रहीं। दिसंबर में IHS मार्किट इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) 55.5 पर आ गया। यह सितंबर के बाद से सबसे कम है। नवंबर में यह 58.1 पर था।

लगातार पांचवें महीने उत्पादन में वृद्धि
भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां दिसंबर 2021 में नरम पड़कर तीन महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। सर्वेक्षण के अनुसार लगातार पांचवें महीने सेवा क्षेत्र में उत्पादन में वृद्धि देखी गई। परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की भाषा में, 50 से ऊपर के अंक का मतलब विस्तार होता है जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है।

नरम हुई मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार, 55.5 पर आया पीएमआई

इस संदर्भ में आईएचएस मार्किट में सहायक निदेशक-अर्थशास्त्र पोलिएन्ना डि लीमा ने कहा कि, 'सेवा प्रदाताओं के लिए 2021 एक और कठिन वर्ष था और दिसंबर में इसमें थोड़ी और नरमी दर्ज की गई।' इसके अलावा सेवा और विनिर्माण क्षेत्र का सामूहिक उत्पादन या सामूहिक पीएमआई उत्पादन सूचकांक दिसंबर में घटकर 56.4 हो गया, जो नवंबर में 59.2 था। हालांकि यह इसके दीर्घकालिक औसत 53.9 से अब भी अधिक है।

55.5 पर आया मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर PMI
विनिर्माण उद्योग की बात करें, तो दिसंबर 2021 में भारत का विनिर्माण उद्योग बढ़ा, हालांकि गति क्रमिक रूप से धीमी रही। दिसंबर में मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) 55.5 पर आया। इससे पिछले महीने, नवंबर में यह 57.6 पर था, जो पिछले 10 महीनों का उच्चस्तर था। ओमिक्रोन (Omicron) को लेकर चिंताओं के बीच भारत की विनिर्माण गतिविधियां दिसंबर में नरम पड़ीं। इस दौरान बिक्री एवं नए ऑर्डर में धीमी प्रगति के बावजूद उत्पादन की वृद्धि बनी रही।

(इनपुट एजेंसी- भाषा)

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