नई दिल्ली। भारतीय इस्पात संघ (ISA) ने सरकार की 'अग्निपथ योजना' (Agnipath scheme) का स्वागत करते हुए कहा कि उद्योग को 'अग्निवीरों' (Agniveer) की जरूरत थी और इनकी प्रतिभा देश की 30 करोड़ टन इस्पात उत्पादन क्षमता के लक्ष्य को पूरा करने में मदद कर सकती है। 'राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017' (National Steel Policy 2017) के तहत सरकार ने देश की इस्पात बनाने की क्षमता को बढ़ाकर 30 करोड़ टन करने का महत्वकांक्षी लक्ष्य तय किया था।
सबके लिए हितकर साबित होगी अग्निपथ योजना: दिलीप ओमन
आईएसए के अध्यक्ष दिलीप ओमन ने बयान में कहा, "भारतीय इस्पात उद्योग, सरकार की इस पहल का समर्थन करता है। अग्निपथ योजना (Agnipath Yojana) सबके लिए हितकर साबित होगी। राष्ट्रीय इस्पात नीति के तहत उद्योग को 30 करोड़ उत्पादन क्षमता के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए ऐसे लाखों प्रशिक्षित एवं अनुशासित पुरुषों और महिलाओं की जरूरत है।"
सरकार की एक पथप्रदर्शक योजना है अग्निपथ
ओमन ने कहा कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अग्निपथ योजना के तहत अत्यधिक प्रशिक्षित अग्निवीरों से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। ओमन इस्पात विनिर्माता एएमएनएस इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हैं। आईएसए के महासचिव आलोक सहाय ने कहा कि अग्निपथ, सरकार की एक पथप्रदर्शक योजना है।
उन्होंने कहा, "यह वास्तव में 'स्किल सिक्योर इंडिया' के लिए एक आंदोलन है। देश के प्रति समर्पण, काम के प्रति एकाग्रता, प्रतिबद्धता, ईमानदारी और अनुशासन यह सभी गुण लगभग चार सालों के अंदर अग्निपथ योजना के तहत प्रशिक्षित सभी अग्निवीरों में होंगे, जो सभी नियोक्ताओं के लिए बेहद उपयोगी है।"