इंश्योरेंस इंस्ट्रुमेंट्स जोखिम को कम करने के अलावा आपके और आपके आश्रितों के भविष्य को सुरक्षित करने के साधन भी हो सकते हैं। इनसे आपको टैक्स में बचत करने में मदद मिल सकती है और ये आपके निवेश का माध्यम हो सकता है और आपकी वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता कर सकते हैं। अब बाजार में भिन्न-भिन्न प्रकार की जीवन बीमा योजनाएं उपलब्ध हैं- इसलिए प्रश्न यह उठता है कि आपके लिए सबसे अच्छा क्या है, टर्म पॉलिसी, यूनिट लिंक्ड प्लान (यूलिप), या परम्परागत एंडाउमेंट बीमा पॉलिसी?
हाल ही में पेश किए गए बजट 2021 में, सरकार ने 1 फरवरी, 2021 को या उसके बाद खरीदे गए यूलिप से होने वाली आय को टैक्स के दायरे में लाने का प्रस्ताव किया है जिनका वार्षिक प्रीमियम 2.5 लाख रुपए से अधिक है। इसलिए बजट घोषणा के बाद आपका बीमा खरीदने का फैसले इस बात पर निर्भर करता है की आप किसको ज्यादा महत्व देते हैं टैक्स बचत या जोखिम कवरेज। सवाल यह है कि 2021 के बजट के बाद, आपको कैसे पता चलेगा कि आपके लिए किस प्रकार का बीमा उत्पाद सर्वश्रेष्ठ है? आइए इसका उत्तर खोजने के लिए मुख्य तीन बीमा प्रोडक्ट्स के फीचर्स और लाभों की जानकारी प्राप्त करते हैं।
एन्डाउमेंट प्लान
परम्परागत बीमा प्रोडक्ट्स या एन्डाउमेंट प्लान बीमा-और-बचत इंस्ट्रुमेंट होते हैं। इनमें जीवन बीमा के बेसिक स्तर के साथ बचत भी शामिल होती है। एन्डाउमेंट प्लान यूलिप या नॉन-यूलिप प्रोडक्ट हो सकता है। मार्केट में विभिन्न प्रकार के एन्डाउमेंट प्लान उपलब्ध हैं। आमतौर पर एन्डाउमेंट पॉलिसीज में मैच्योरिटी पर न्यूनमत बीमांकित राशि ऑफर की जाती है और उनके लिए जो प्रीमियम आप भुगतान करते हैं, उन पर आई-टी अधिनियम की धारा 80G के अंतर्गत 1.5 लाख रूपये तक की टैक्स कटौती लाभ भी मिलता है। निवेशकों को एन्डाउमेंट प्लान के संबंध में जिन कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है उनमें कम रिटर्न, लिक्विडिटी का न होना और अपर्याप्त बीमा शामिल हैं। अक्सर रिटर्न की तुलना सेविंग अकाउंट से मिलने वाले रेट्स के साथ की जाती है और भविष्य निधि जैसी छोटी बचत योजनाएं के साथ तुलना की जाती है। निवेश से जुड़े लॉक-इन का अर्थ है कि एक खास अवधि तक विदड्रावल नहीं किया जा सकता है और समय से पहले उन्हें सरंडर करने से बहुत अधिक हानि हो सकती है। अंत में, उनके लिए दिए जाने वाले प्रीमियम, कुल बीमा राशि या मृत्यु लाभ- जीवन बीमा से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण मानदंड- कम हो सकते हैं।
यूलिप
क्योंकि यूलिप मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट होते हैं, इसलिए, परम्परागत बीमा योजनाओं की तुलना मे उनमें वैल्थ क्रिएशन की अधिक संभावना होती है। यूलिप से डेट और ईक्विटी सम्पत्ति क्लासेज़ को चुनने की स्वंतत्रता मिलती है। इनसे धारा 80G के अंतर्गत टैक्स में कटौती का लाभ भी मिलता है। यूलिप में किए गए निवेश में पांच वर्ष की अवधि का लॉक-इन जुड़ा रहता है। 2021 के बजट से पहले, ऐसे यूलिप से होने वाली आय जिनका धारा 10D में वार्षिक प्रीमियम कुल बीमा राशि के 10% से अधिक नहीं होता था, वह टैक्स-मुक्त हुआ करती थी। 2021 के बजट के बाद, यदि यूलिप पॉलिसी पर आपका प्रीमियम किसी वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रूपये से अधिक है, तो इस प्रकार की पॉलिसी से मिलने वाले लाभ को पूंजी लाभ माना जाएगा और मैच्योरिटी पर उस पर 10% टैक्स लगाया जाएगा। यह ईक्विटी म्यूचल फंड्स पर लगने वाले टैक्स के समान है जिनका, एक वित्तीय वर्ष में 1 लाख रुपए से अधिक के दीर्घकालिक पूंजी लाभ 10% टैक्स के दायरे में आता है।
इसका अर्थ है कि, वे निवेशक जो यूलिप में पूंजीगत लाभ पर टैक्स बचत के लिए यूलिप में निवेश कर रहे थे, वे अब म्यूचल फंड निवेश के बारे में विचार करेंगे। नया टैक्स उन पॉलिसीज़ पर लागू होता है जिन्हें 1 फरवरी, 2021 के बाद जारी किया गया है। इसलिए, यदि आप पहले से ही अपनी मौजूदा यूलिप पॉलिसी (1 फरवरी, 2021 से पहले खरीदी गई) पर हर वर्ष 2.5 लाख रूपये से अधिक के प्रीमियम का भुगतान कर रहे थे या इस तारीख के बाद खरीदे गए यूलिप के लिए आपके वार्षिक प्रीमियम 2.5 लाख रूपये से कम हैं, तो बजट में की गई हाल की घोषणा का आप पर कोई प्रभाव नहीं होगा। खरीद की तारीख कुछ भी क्यों न हो, आपके नामितियों को मिलने वाले मृत्यु लाभ अभी भी टैक्स मुक्त बने रहेंगे।
यूलिप, जोखिम न चाहने वाले निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प हो सकते हैं क्योंकि इससे डेट श्रेणी में अधिक धनराशि को आवंटित कर सकते हैं और पूंजीगत लाभों पर एफडी और डेट म्यूचल फंड्स की तुलना में कम दर पर टैक्स लगाया जाएगा। लेकिन, जीवन बीमा के रूप में, आपको टर्म पॉलिसी की तुलना में अधिक प्रीमियम देना होगा। इसलिए, जब तक आप बहुत अधिक प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं, इससे आपको पर्याप्त जीवन बीमा कवर नहीं मिल सकता है।
टर्म प्लान
टर्म प्लान मानक बीमा प्रोडक्ट्स होते हैं जो आपके परिवार को आपके जीवन के प्रति जोखिम के लिए वित्तीय कवर का लाभ प्रदान करते हैं। यह अनिवार्य प्रोडक्ट है जिसे वित्तीय आश्रितों और लाईबिलिटीजड वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा अनिवार्य रूप से लिया जाना चाहिए। टर्म प्लान से परम्परागत बीमा प्लान या यूलिप जैसे निवेश विकल्प नहीं मिलते हैं। इसलिए, इनकी कोई मैच्योरिटी या सरंडर वैल्यू नहीं होती है। इसलिए, ये बहुत ही सस्ते होते हैं। यह टर्म पॉलिसी का सबसे महत्वपूर्ण लाभ है: जब आप इसकी तुलना एन्डाउमेंट प्लान या यूलिप से करते हैं, इससे आप तुलनात्मक रूप से कम प्रीमियम, जो पूरी पॉलिसी अवधि में एक जैसा ही रहता है, पर (विशेष रूप से यदि आप युवावस्था में पॉलिसी को शुरू करते हैं), लंबी अवधि के लिए बड़ा जीवन बीमा कवरेज प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए, यदि आप पर्याप्त जीवन बीमा कवर चाहते हैं, जो आपकी वर्तमान वार्षिक आय का कम से कम 10 गुणा होना चाहिए- और वह भी अफार्डेबल प्रीमियम पर, तो आपके लिए टर्म प्लान सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। वास्तव में यदि आप मार्केट में अपना पहली जीवन बीमा खरीददारी करने जा रहे हैं, तो यह टर्म प्लान ही होना चाहिए। कम लागतों के कारण आपके पास अधिक बचत संभव हो पाएगी जिसे आप विभिन्न इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश कर सकते हैं जिसमें अन्य बीमा योजनाएं भी शामिल हो सकती हैं।
अंतिम में...
आपको एक अच्छी सलाह दी जाती है कि आप अपने बीमा और निवेश की जरुरतों को अलग-अलग रखें। इसलिए, एक टर्म प्लान, ऐसे हर व्यक्ति के लिए उपयुक्त है जो पर्याप्त जीवन बीमा कवरेज के साथ बीमा प्रोडक्ट खरीदना चाहता है। निवेश के उद्देश्य से, आप अपने वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम उठाने की इच्छा और लिक्विडिटी जरुरतों के अनुसार विभिन्न प्रोडक्ट्स और सम्पत्ति श्रेणियों में से इंस्ट्रुमेंट्स के विभिन्न कम्बिनेशन को खरीद सकते हैं। यदि आप टैक्स बचाने की इच्छा वाले जोखिम से बचने वाले निवेशक हैं, तो आप टर्म प्लान और भविष्य निधि निवेश जैसे पीपीएफ पर विचार कर सकते हैं जिनसे परम्परागत बीमा प्लान की तुलना में कहीं अधिक रिटर्न मिलते हैं। यदि आप जोखिम पसंद करते हैं, तो टर्म प्लान और टैक्स एफिशिएंट ईएलएसएस (ELSS) म्यूचल फंड्स आपके लिए आदर्श होंगे, और जिनसे आपको पर्याप्त कवरेज के साथ-साथ वैल्थ के सृजन का भी अवसर मिलेगा। जब आप टर्म प्लान से खुद के लिए पर्याप्त कवरेज ले लेते हैं, तो आप अन्य टैक्स बचत निवेश विकल्पों जैसे यूलिप, भविष्य निधि, छोटी बचत योजनाएं, ईएलएलएस आदि पर और नॉन-टैक्स बचत प्रोडक्ट्स जैसे ईक्विटी फंड्स, डेट फंड्स, गोल्ड, रियल एस्टेट, मियादी जमा आदि पर अपनी रिटर्न उम्मीदों और जोखिम सहन करने की शक्ति के अनुसार विचार कर सकते हैं।
इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)