नई दिल्ली: रेलवे जल्द ही देश की पहली स्वदेशी टेक्नोलॉजी पर आधारित सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को तेजस की तरह निजी हाथों में सौंप सकता है। अगले वित्त वर्ष यानी साल 2020-21 में प्रीमियम ट्रेन के रेलमार्ग पर चार वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का लक्ष्य रखा गया है। दरअसल, आम बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तेजस की तर्ज पर इस साल चार नई ट्रेन चलाने की घोषणा की है। लेकिन तेजस एक्सप्रेस का प्रोडक्शन साल 2019 में बंद करने का फैसला ले लिया गया है।
रेलवे कोच प्रोडक्शन रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 से 2021-22 के बीच तेज का कोई नया कोच नहीं बनाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि तेजस एक्सप्रेस के स्थान पर वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने की योजना बन रही है। वित्त वर्ष 2020-21 में इस तर्ज पर ही चार वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जाएंगी।
150 प्राइवेट ट्रेनों को निजी ऑपरेटर्स को सौंपने की दिशा में हो रहा काम
उन्होंने बताया कि सिलसिलेवार तरीके से इन वंदे भारत एक्सप्रेस को आईआरसीटीसी को चलाने के लिए दिया जाएगा। इसके बाद आईआरसीटीसी टेंडर के माध्यम से सबसे अधिक बोली लगाने वाले निजी ट्रेन ऑपरेटर को वंदे भारत एक्सप्रेस का अधिग्रहण मिलेगा। ध्यान रहें कि रेलवे बोर्ड 150 प्राइवेट ट्रेनों को निजी ऑपरेटर्स को सौंपने के दिशा निर्देश दस्तावेज तैयार कर रही है।
तीन तेजस ट्रेनों का परिचालन कर रही आईआरसीटीसी
जल्द ही इसकी ट्रेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। गौरतलब है कि रेलवे ने तीसरी निजी ट्रेन चलाने का ऐलान हाल में ही किया है। नई तेजस ट्रेन वाराणसी और इंदौर के बीच आईआरसीटीसी द्वारा चलाई जाएगी। इससे पहले इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन दिल्ली लखनऊ और मुंबई अहमदाबाद रूट्स पर तेजस एक्सप्रेस का परिचालन कर रही है।
कई कंपनियों की है दिलचस्पी
रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि कई बड़ी निजी कंपनियों ने ट्रेन परिचालन में दिलचस्पी दिखाई है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने एक सवाल का उत्तर देते हुए बताया था कि तेजस का उत्पादन नहीं हो रहा है। इसलिए आईआरसीटीसी को निजी परिचालन के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस दी जाएगी। 150 निजी ट्रेनों के परिचालन को लेकर बैठकों का दौर जारी है। कई बड़ी कंपनियां निजी ट्रेन परिचालन में दिलचस्पी दिखा रही हैं।