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इरडा का अनिल अंबानी की रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी पर चला हथौड़ा, नई बीमा पॉलिसी पर लगाई रोक

Updated Nov 08, 2019 | 00:54 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

reliance insurance company: वित्तीय संकट का हवाला देते हुए इरडा ने अनिल अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी को नई बीमा पॉलिसी पर रोक लगा दी है।

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अनिल अंबानी हैं रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी के मालिक
मुख्य बातें
  • रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी पर इरडा का हथौड़ा
  • इरडा ने नई बीमा पॉलिसी जारी करने पर लगाई रोक
  • कंपनी की सॉल्वेंसी मार्जिन का दिया हवाला

नई दिल्ली:  भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस को नयी बीमा पॉलिसी बेचने से रोक दिया है। प्राधिकरण ने कंपनी की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया है।नियामक ने रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस को अपनी पूरी वित्तीय संपत्तियों समेत मौजूदा बीमा देनदारियां रिलांयस जनरल इंश्योरेंस को हस्तांतरित करने को भी कहा है। मौजूदा बीमा धारकों के दावों का निपटान अब रिलांयस जनरल इंश्योरेंस ही करेगी।

नियामक ने एक आदेश में कहा है कि रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस की वित्तीय स्थिति दावों के भुगतान समेत अन्य देनदारियों के लिहाज से प्रावधानों के अनुकूल नहीं हैं। लिहाजा ऐसे हालात में उसे स्वास्थ्य एवं चिकित्सा बीमा पॉलिसी बेचने देना बीमाधारकों के हित में नहीं है। इरडा ने अपने आदेश में कहा कि रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस 15 नवंबर से बीमा बेचना बंद कर देगी और इसे अपनी वेबसाइट तथा सभी शाखाओं में स्पष्टता के साथ प्रदर्शित करेगी।

अनिल अंबानी ग्रुप की रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी पूंजी संकट का सामना कर रही है। बीमा नियामक प्राधिकरण यानि इरडा का मानना है कि जून, 2019 से रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी आवश्यक सॉल्वेंसी मार्जिन को दुरुस्त रखने में नाकाम रही है। कंपनी का सॉल्वेसी मार्जिन चिंताजनक स्थिति में हैं। बता दें कि सॉल्वेंसी मार्जिन वो फंड होता है जिन्हें बीमा कंपनी पॉलिसीधारकों के भविष्य के क्लेम सेटेल करने के लिए अलग रखती है। इसे रिजर्व फंड के तौर पर भी देखा जाता है। 

फिलहाल इरडा ने कंपनी को निर्देश जारी कर नई हेल्थ पॉलिसी बेचने से मना कर दिया है।  वहीं फाइनेंशियल एसेट्स के साथ अपनी पूरी पॉलिसी होल्डर्स लायबिलिटीज को 15 नवंबर तक रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी में हस्तांतरित करने के आदेश दिए हैं। 15 नवंबर तक क्लेम सेटेलमेंट के अलावा कंपनी भुगतान के लिए अपने किसी संपत्ति का इस्तेमाल नहीं कर सकेगी। इरडा का कहना है कि मौजूदा पॉलिसीधारकों को परेशान नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा लगता है कि क्लेम को पूरा करने के लिए कंपनी के पास पर्याप्त असेट है। 

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