- वर्क फ्रॉम होम को लेकर सर्वे किया गया
- अंतरराष्ट्रीय कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया ने एक सर्वे किया है
- जिसमें कई बातें निकल कर सामने आई हैं
नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी प्रकोप फैलने के बाद जितना संभव हो सके कंपनियां अपने कर्मचारियों वर्क फ्रॉम होम (Work from home) करवा रही है। लेकिन अधिकांश कर्मचारी अपने ऑफिस को मिस कर रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम को लेकर अंतरराष्ट्रीय कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया ने एक सर्वे किया है। जिसमें कई बातें निकल कर सामने आई हैं। सर्वे के मुताबिक इंफोर्मेशन टैक्नोलॉजी (आईटी) सेक्टर में वर्क फ्रॉम होम कर रहे करीब 90 फीसदी कर्मचारी ऑफिस के माहौल को याद करते हैं। भारतीय आईटी उद्योग अपनी परिचालन आय का करीब 4.3 फीसदी सालाना ऑफिस लागत पर खर्च करता है।
अधिकांश कर्मचारी ऑफिस को कर रहे हैं मिस
कॉरपोरेट रियल एस्टेट सेक्टर के ऊपर वर्क फ्रॉम होम के प्रभाव को लेकर दो तरह के सर्वे किए गए। पहला- कर्मचारी क्या सोचते हैं, दूसरा- वर्क फ्रॉम होम से ऑफिस के लागत पर क्या प्रभाव पड़ता है। नाइट फ्रैंक इंडिया की वर्क फ्रॉम होम एंड दी इंपैक्ट ऑन कॉरपोरेट रियल एस्टेट रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे में शामिल लगभग 90 फीसदी लोगों ने कहा कि वे वर्क फ्रॉम होम के इस दौर में ऑफिस के महौल को याद करते हैं। सर्वे के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के सर्वाधिक 98 फीसदी कर्मचारी ऑफिस के माहौल को याद करते हैं। इसके बाद मुंबई में 94 फीसदी, बेंगलुरू में 91 फीसदी, चेन्नई में 90 फीसदी, पुणे में 88 फीसदी और हैदराबाद में 81 फीसदी लोग ऑफिस के माहौल को याद करते हैं।
वर्क फ्रॉम होम से प्रोडक्टिविटी में आई गिरावट
सर्वे में यह भी जानकारी सामने आई कि वर्क फ्रॉम होम के कारण प्रोडक्टिविटी और काम की गुणवत्ता में गिरावट आई है। इसमें शामिल 60 फीसदी लोगों ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम के चलते उनका समय बच रहा है, क्योंकि अब उन्हें ऑफिस नहीं जाना पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटी आईटी कंपनियां अपना 4.7 फीसदी ऑफिस लागत पर खर्च करती हैं, इसके बाद बड़ी आईटी कंपनियां 4.4 फीसदी और मध्यम आकार की आईटी कंपनियां 3.6 फीसदी पर हैं। कुल मिलाकर, आईटी कंपनियों द्वारा भुगतान किया गया ऑफिस स्पेस का किराया 0.5 फीसदी से 2 फीसदी है और बाकी आफिस सुविधाओं को चलाने की लागत है। नुकसान को देखा जाए तो 43 फीसदी ने ऑफिस के सोशल लाइफ की कमी महसूस की और 42 फीसदी ने इनफॉर्मल सेटिंग में ध्यान केंद्रित करने में मुश्किलों का हवाला दिया।
कोविड-19 के कारण वर्क फ्रॉम होम पसंद कर रहे हैं कर्मचारी
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि इस साल मार्च में लॉकडाउन लागू होने के साथ ही वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य हो गया। कोविड-19 का संक्रमण अभी भी जारी है और भारत में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में बहुत से लोग अभी भी वर्क फ्रॉम होम करना पसंद कर रहे हैं। हालांकि, जैसे-जैसे स्थिति सामान्य हो रही है और अर्थव्यवस्था खुल रही है, यह देखना होगा कि आने वाले समय में कितने कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम जारी रखना पसंद करते हैं।