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देर से ITR दाखिल करने पर भी कुछ करदाताओं पर नहीं लगता जुर्माना, जानें कैसे

Updated Jan 06, 2022 | 12:34 IST

ITR Filing: डेडलाइन के बाद भी करदाता आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। देर से आईटीआर दाखिल करने पर इसे बिलेटेड आईटीआर (Belated ITR) कहा जाता है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
देर से ITR दाखिल करने पर भी कुछ करदाताओं पर नहीं लगता जुर्माना, जानें कैसे
मुख्य बातें
  • ITR फाइल करने के 120 दिन के भीतर इसका वेरिफिकेशन करना जरूरी होता है।
  • वेरिफिकेशन के बिना आईटीआर अमान्य माना जाता है।
  • देर से रिटर्न दाखिल करने पर करदाताओं को जुर्माना देना होता है। लेकिन कुछ करदाता अब भी बिना दंड के आईटीआर दाखिल कर सकते हैं।

ITR Filing: वित्तीय वर्ष 2020-21 (FY21) के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2021 थी। हालांकि, जिनका ई-सत्यापन पूरा करना बाकी है, उन्हें 28 फरवरी 2022 तक का समय दिया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने रविवार को कहा था कि उसने ई-फाइल किए गए आईटीआर के सत्यापन के लिए छूट दी है। आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल में गड़बड़ी की शिकायतों के बीच यह फैसला लिया गया।

देर से आईटीआर दाखिल करने पर इतना लगेगा जुर्माना
जो लोग आखिरी तारीख तक अपना रिटर्न दाखिल करने में सक्षम नहीं रहे वे अभी भी ऐसा कर सकते हैं, लेकिन उन्हें देर से आईटीआर दाखिल करने के लिए जुर्माना देना होगा। वित्त वर्ष 2021 या आकलन वर्ष 2021-22 (AY22) से, आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा के बाद दाखिल करने के लिए जुर्माना राशि 5,000 रुपये है। पहले इसपर 10,000 रुपये का जुर्माना लगता था।

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इन्हें मिलती है विलंब शुल्क की छूट
हालांकि, कुछ लोग अब भी बिना किसी दंड के आईटीआर दाखिल कर सकते हैं। आयकर कानूनों के अनुसार, जिनकी सकल कुल आय वर्ष के दौरान मूल छूट सीमा से कम है, उन्हें विलंबित आईटीआर दाखिल करने के लिए विलंब शुल्क की छूट मलती है।

नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत, जो कोई कर कटौती प्रदान नहीं करता है, उनके लिए मूल छूट 2.5 लाख रुपये है। चाहे करदाता की उम्र कितनी भी हो। लेकिन पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) में आयु वर्ग के अनुसार मूल छूट सीमा तय की गई है। 60 वर्ष से कम आयु वालों के लिए मूल छूट 2.5 लाख रुपये है और 60 से अधिक लेकिन 80 से कम आयु वालों के लिए यह 3 लाख रुपये है। 80 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए यह सीमा 5 लाख रुपये है।

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लेकिन यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि पुरानी कर व्यवस्था में मूल छूट के लिए उपर्युक्त श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले लोगों के लिए कुछ अपवाद हैं। उदाहरण के लिए, जिन्होंने एक या एक से अधिक बैंक खातों में 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक की राशि जमा की है, उन्हें विलंब शुल्क का भुगतान करना होगा, भले ही वर्ष के लिए उनकी सकल कुल आय मूल छूट सीमा से कम हो।

इसके अलावा आईटी कानूनों के अनुसार, जिन व्यक्तियों ने अपने या किसी अन्य व्यक्ति के लिए विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये या उससे अधिक खर्च किए हैं, उन्हें भी देर से आईटीआर दाखिल करने पर जुर्माना देना होगा।

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