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गाय के गोबर से बना पेंट नितिन गडकरी ने किया लॉन्च, किसानों की बढ़ेगी आमदनी, जानें इसके फायदे

Updated Jan 12, 2021 | 20:12 IST

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खादी ग्रामोद्योग आयोग के माध्यम से गाय के गोबर से बने एंटी-वायरल प्राकृतिक पेंट लॉन्च किया। स्वास्थ्य के लिए यह बहुत ही फायदेमंद है।

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खादी प्राकृतिक पेंट

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी 12 जनवरी 2021 को अपने आवास पर खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा विकसित एक अभिनव पेंट लॉन्च किया। यह पेंट गाय के गोबर से बना है। यह एंटी-वायरल प्राकृतिक पेंट है। गडकरी ने कहा कि ग्रामीण इकॉनमी को बल मिले और किसानों को अतिरिक्त आमदनी हो इसलिए हम खादी ग्रामोद्योग के क्षेत्र में नए-नए इनोवेशन के लिए प्रयासरत है। डिस्टेंपर और इमल्शन में उपलब्ध यह पेंट ईको फ्रेंडली, नॅान टौक्सिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और वॅाशेबल है और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से प्रमाणित है। इससे पशुधन रखने वाले किसानों को साल में 55 हजार रुपए तक की अतिरिक्त आमदनी होगी।

‘खादी प्राकृतिक पेंट’ नामक यह पेंट पर्यावरण अनुकूल, विष-रहित है, जो फफूंद-रोधी, जीवाणु-रोधी गुणों के साथ अपनी तरह का पहला उत्‍पाद है। मुख्‍य घटक के रूप में गाय के गोबर पर आधारित यह पेंट किफायती और गंधहीन है, जिसे भारतीय मानक ब्‍यूरो द्वारा प्रमाणित किया गया है। खादी प्राकृतिक पेंट दो रूपों यानी डिस्‍टेंपर पेंट तथा प्‍लास्टिक इम्‍यूलेशन पेंट में उपलब्‍ध है। पीएम मोदी के किसानों की आय बढ़ाने की दृष्टि के अनुसार खादी प्राकृतिक पेंट का उत्‍पादन किया जा रहा है। खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्‍यक्ष द्वारा मार्च, 2020 में इस परियोजना की अवधारणा तैयार की गई थी। इसके बाद कुमारप्‍पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट, जयपुर (केवीआईसी की इकाई) द्वारा इसे विकसित किया गया।

यह पेंट सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम तथा अन्‍य भारी धातुओं से मुक्‍त है। इससे स्‍थानीय निर्माता सशक्‍त बनेंगे और टैक्नोलॉजी हस्‍तांतरण के माध्‍यम से टिकाऊ स्‍थानीय रोजगार पैदा होगा। इस प्रौद्योगिकी से पर्यावरण अनुकूल उत्‍पादों के लिए कच्‍चे माल के तौर पर गाय के गोबर की खपत बढ़ेगी और किसानों तथा गोशालाओं की आय भी बढ़ेगी। एक अनुमान के अनुसार किसानों/गौशालाओं की प्रति वर्ष, प्रति मवेशी करीब 30000 रुपए की अतिरिक्‍त आय होगी। गाय के गोबर के इस्‍तेमाल से पर्यावरण भी स्‍वच्‍छ होगा तथा जल निकासी का अवरोध भी दूर होगा।

तीन प्रख्‍यात राष्‍ट्रीय प्रयोगशालाओं- नेशनल टेस्ट हाउस, मुंबई, श्री राम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च, नई दिल्ली और नेशनल टेस्ट हाउस, गाजियाबाद में खादी प्राकृतिक डिस्‍टेंपर तथा इम्‍यूलेशन पेंट की जांच की गई है। खादी प्राकृतिक इम्‍यूलेशन पेंट बीआईएस 15489-2013 मानकों को पूरा करता है, जबकि खादी प्राकृतिक डिस्‍टेंपर पेंट बीआईएस 428:2013 मानकों को पूरा करता है।    

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