लाइव टीवी

Green Fixed Deposit : ग्रीन फिक्स्ड डिपॉजिट के बारे में जानिए, ये है क्या, कैसे करें निवेश

Updated Jun 12, 2022 | 20:13 IST

नवीकरणीय उर्जा (रिन्यूऐबल एनर्जी), प्रदूषण की रोकथाम और वहनीय (सस्टेनेबल) जल परियोजानाओं आदि के क्षेत्र में अनेक बड़ी परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। मुख्य उद्देश्य, ग्रीन हाउस एमिशन (उत्सर्जन) के कारण होने वाली तापमान बढ़ोतरी को रोकना है। ग्रीन डिपाजिट में किए जाने वाले निवेश को इन परियोजनाओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

Loading ...
ग्रीन फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है?

जलवायु परिवर्तन के कारण मानव स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। तापमान में बढ़ोतरी के कारण होने वाले मौसमी पैटर्न में बदलाव को ही इसका मुख्य अपराधी माना जाता है। हमें वे सभी कोशिशें करनी चाहिए जो हमें इस जलवायु और पर्यावरण को होने वाली क्षति को रोकने के लिए कर सकते हैं। वैश्विक रूप से, हम यह देखते हैं कि उद्योग कारोबार करो करने के लिए पर्यावरण अनुकूल (ग्रीनर) तरीकों को अपना रहे हैं।युवा निवेशक भी ऐसे कारोबार को फाइनेंस करने के लिए उत्साहित हैं जिनके साथ निम्न कार्बन फुटप्रिंट्स जुड़े हैं। अनेक समाधन पेश किए गए हैं। उनमें से एक ग्रीन डिपाजिट की शुरूआत है। ये नियत अवधि डिपाजिट हैं जिनको वित्तीय संस्थाओं और लैंडर्स द्वारा उन संस्थानों के लिए पेश किया गया है जो अपने पैसे को इको-फ्रेंडली परियोजनाओं में लगाना चाहते हैं।

नवीकरणीय उर्जा (रिन्यूऐबल एनर्जी), प्रदूषण की रोकथाम और वहनीय (सस्टेनेबल) जल परियोजानाओं आदि के क्षेत्र में अनेक बड़ी परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। मुख्य उद्देश्य, ग्रीन हाउस एमिशन (उत्सर्जन) के कारण होने वाली तापमान बढ़ोतरी को रोकना है। ग्रीन डिपाजिट में किए जाने वाले निवेश को इन परियोजनाओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा और निवेशकों को इको-फ्रेंडली गतिविधियों में भाग लेने में सहायता की जाएगी। ऐसे उपयुक्त कारोबारों और परियोजनाओं की फाईनेंसिंग से लो-कार्बन, क्लाईमेट-रेजिलिएंट तथा सस्टेनेबल अर्थव्यवस्था को प्राप्त करना ही ग्रीन डिपाजिट्स का मुख्य उद्देश्य है।

मौजूदा समय में, एचडीएफसी तथा इंडसइंड बैंक जैसे वित्तीय संस्थानों द्वार अपनी ग्रीन बैंकिंग प्रोडक्ट ऑफरिंग के एक भाग के तौर पर निवेशकों के लिए ग्रीन डिपाजिट्स को पेश किया गया है। इस प्रकार, डिपाजिट्स का प्रयोग संयुक्त राष्ट्र वहनीय विकास लक्ष्यों (यूएनएसडीजी) द्वारा समर्थित परियोजनाओं और फर्मों की फाईनेंसिंग करने के लिए किया जाएगा।

ग्रीन फिक्स्ड डिपाजिट्स तथ्य जिन्हें आपको जानना चाहिए।

सेक्टर्स जिनमें ग्रीन डिपाज़िट्स का निवेश किया जाएगा। वे सेक्टर्स जहां पर जमा की गई राशि का निवेश किया जाएगा उनमें उर्जा एफिशिएंसी, रिन्यूऐबल एनर्जी, ग्रीन ट्रांसपोर्ट, सस्टेनेबल फूड, कृषि, फोरेस्ट्री, वेस्ट मैनेजमेंट, ग्रीनहाउस गैस कमी तथा ग्रीन बिल्डिंग्स शामिल हैं।

ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट्स की विशेषताएं

उच्च ब्याज दर

यदि आप ग्रीन डिपाज़िट्स में निवेश करते हैं, तो आप 6.55% प्रति वर्ष तक का ब्याज प्राप्त कर सकते हैं। यह परम्परागत बैंक फिक्स्ड डिपाज़िट से मिलने वाली ब्याज दर से थोड़ा अधिक है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए अतिरिक्त रिटर्न

वरिष्ठ नागरिक, अपने 2 करोड़ रूपये तक के निवेश पर 0.25% से 0.5% तक प्रति वर्ष अतिरिक्त ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।

आनलाइन निवेश पर अतिरिक्त रिटर्न मिलता है

यदि निवेशक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का विकल्प चुनता है और लैंडर्स पोर्टल या मोबाइल एप्लीकेशन्स के माध्यम से ग्रीन डिपाज़िट्स में निवेश करता है, तो उन्हें 50 लाख रूपये तक के निवेश पर 0.1% का अतिरिक्त रिटर्न मिलता है।

बीमा समर्थन

ग्रीन डिपाज़िट्स के अंतर्गत डिपाज़िट्स के लिए 5 लाख रूपये तक बीमा प्रदान किया जाता है।

अवधि

ग्रीन डिपाज़िट्स में निवेश की न्यूनतम अवधि 18 महीनों की है, और अधिकतम अवधि 10 वर्ष तक की है।

कौन निवेश कर सकता है?

सभी भारतीय नागरिक, एनआरआई, कारपोरेट तथा ट्रस्ट भारत में ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट करने के पात्र हैं। इनमें एकल स्वामित्व, साझेदारी फर्में, सोसाइटीज़, क्लब, एसोसिएशन तथा अवयस्कों की ओर से अभिभावक भी शामिल हैं।

समय पूर्व विदड्रावल पर जुर्माना

किसी निवेशक द्वारा ग्रीन डिपाज़िट्स मे किए गए निवेशक के पहले तीन महीनों के दौरान पैसा को विदड्रा नहीं किया जा सकता है। यदि किसी निवेशक द्वारा तीन महीनों के बाद, लेकिन छह महीनों के अंदर पैसे को विदड्रा किया जाता है, तो ब्याज दर चाहे कोई भी लागू होती है, निवेशक को केवल 3% ब्याज दर का ही भुगतान किया जाएगा। गैर-व्यक्ति निवेशक की स्थिति में, इस प्रकार के समय पूर्व विदड्रावल पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। लेकिन, छह महीनों के बाद किए जाने वाले समय पूर्व विदड्रावल पर 1% जुर्माना लगाया जाएगा। इसके मायने हैं कि निवेशक को लागू ब्याज दर की तुलना में 1% कम ब्याज दर से भुगतान किया जाएगा। लेकिन, इस प्रकार के विद्ड्रावल, फिर चाहे वे आंशिक हैं या पूर्ण, तो डिपाजिट्स अब ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट नहीं रहेंगे और उन्हें नियमित फिक्स्ड डिपाज़िट्स माना जाएगा।

ओवरड्राफ्ट सुविधा

आप ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट्स पर ओवरड्राफ्ट सुविधा ले सकते हैं, लेकिन ऐसी स्थिति में डिपाज़िट को नियमित फिक्स्ड डिपाज़िट में बदल दिया जाएगा।

निवेश कैसे करें?

आप ज़रूरी दस्तावेजों जैसे पैन कार्ड या आधार कार्ड के साथ या तो ऑनलाइन विकल्प चुन सकते हैं, अपना ब्यौरा भरें तथा राशि और अवधि को चुन सकते हैं। ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट का विकल्प चुनें तथा अपने बचत खाते से राशि को ट्रांसफर कर दें। या फिर आप फिजिकल माध्यम को अपना सकते हैं और उन बैंक शाखाओं में जा सकते हैं जहां पर ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट को ऑफर किया जाता है।

क्या आपको निवेश करना चाहिए?

ग्रीन फिक्स्ड डिपाज़िट मध्यम से उच्च जोखिम उठाने मे यकीन रखने वाले निवेशकों के लिए कोई आकर्षक प्रस्ताव नहीं हो सकता है। लेकिन, कंजरवेटिव निवेशक तथा वरिष्ठ नागरिक निवेश के नज़रिए से इन प्रोडक्ट्स को चुन सकते हैं।

लेकिन, यहां यह बात स्पष्ट करनी भी जरूरी है कि ग्रीन डिपाज़िट्स मात्र निवेश या रिटर्न देने वाले प्रोडक्ट्स की तुलना में एक बड़ा उद्देश्य रखते हैं। सस्टेनेबिलिटी और प्लेनेट सेविंग कार्यों का दीर्घकाल में मानवता पर बड़ा प्रभाव होगा, जिसके लिए सभी के लिए दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। इसलिए, निवेशकों को ग्रीन फिक्स्ड डिपाजिट पर विचार जरूर करना चाहिए और कुछ पोर्शन निवेश करना चाहिए, जो उनके कुल पोर्टफोलियो का 1% हो सकता है, ताकि भावी पीढ़ियों के लिए बेहतर कल का निर्माण किया जा सके।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर:  ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।