- सरकार की एलआईसी में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना है।
- मार्च में एलआईसी का IPO बाजार में आ सकता है।
- सरकार के विनिवेश लक्ष्य में कमी को पूरा करने के लिए यह बेहद अहम समझा जा रहा है।
LIC IPO: ब्रोकरेज फर्म्स ने आने वाले LIC के आईपीओ पर भरोसा जताया है। यूबीएस ग्लोबल रिसर्च (UBS Global Research) ने 15 फरवरी को एक रिपोर्ट में कहा है कि LIC लिस्टिंग के बाद निफ्टी 50 में शामिल हो सकती है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आईपीओ कि बाद LIC मार्केट कैप के हिसाब से तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक हो सकता है। शेयर बिक्री ऐसे समय में ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन संकट, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों, अमेरिकी मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी और फेड रेट में बहुप्रतीक्षित बढ़ोतरी के कारण बाजार अस्थिर हैं, इससे निवेशकों की असली परीक्षा होगी। यूबीएस सिक्योरिटीज ने एक नोट में ये भी कहा है कि निवेशक LIC के शेयरों को उसके लिस्टेड कॉम्पिटिटर्स के मुकाबले डिस्काउंट पर वैल्यू कर सकते हैं।
जानें जेफरीज इंडिया के एनालिस्ट ने क्या कहा
इसी तरह जेफरीज इंडिया कि एनालिस्ट ने 16 फरवरी की रिपोर्ट में कहा, "एलआईसी में 60 फीसदी से अधिक जीवन बीमा नए प्रीमियम और 40 फीसदी रिटेल एपीई के लिए जिम्मेदार है, जो मुख्य रूप से 1.34 मिलियन की एजेंसी बल से संचालित है और इसमें 72 बैंक एश्योरेंस भी है। बैंकएश्योरेंस साझेदारी एक बैंक और एक बीमा कंपनी के बीच पॉलिसियों को बेचने की एक व्यवस्था है।'
अंडरस्टेटेड है कंपनी का रिपोर्टेड नेट प्रॉफिट: ब्रोकरेज फर्म हैटोंग
एक और ब्रोकरेज फर्म हैटोंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि LIC का रिपोर्टेड नेट प्रॉफिट काफी अंडरस्टेटेड है और इसकी असली पिक्चर को नहीं दिखाता है। ब्रोकरेज फर्म को लगता है कि इन्सुरेंस कंपनी १० गुना और मुनाफा दिखा सकती है। LIC ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही के लिए 1,437 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 6.14 करोड़ रुपये था।