लाइव टीवी

Loan moratorium : ब्याज पर ब्याज मामले पर सरकार ने मांगा 3 दिन का समय, अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को

Updated Sep 28, 2020 | 13:22 IST

लोन मोरेटोरियम (Loan moratorium) के दौरान ईएमआई पर ब्याज की माफी की मांग करने वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। 

Loading ...
लोन मोरेटोरियम पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

नई दिल्ली : लोन मोरेटोरियम (Loan moratorium) के दौरान ईएमआई पर ब्याज पर ब्याज मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। केंद्र सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से तीन दिन का समय मांगा है। मामला 5 अक्टूबर तक टल गया है। यानी अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 1 अक्टूबर तक ऑन रिकॉर्ड पर हलफनामा देने का समय दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों से अभी एनपीए घोषित नहीं करने को कहा है।

केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि मोरेटोरियम के दौरान स्थगित ईएमआई में ब्याज पर ब्याज में छूट को लेकर फैसला लेने की प्रक्रिया एडवांस स्टेज में है और दो या तीन दिनों के भीतर फैसला आ सकता है। जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बैंच ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को सूचित किया है कि मुद्दे सरकार द्वारा सक्रिय रूप से विचाराधीन हैं, और दो या तीन दिनों के भीतर फैसला लिए जाने की संभावना है।

मेहता ने शीर्ष अदालत के समक्ष कहा कि वह गुरुवार तक हलफनामा सर्कुलेट करने का प्रयास करेंगे और मामले की सुनवाई सोमवार को हो सकती है। बैंच ने कहा कि अगली सुनवाई तक अंतरिम आदेश जारी रहेगा। याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता ने बैंच के समक्ष दलील दी कि इस मामले को जल्द से जल्द सुना जाए, और मामले में हलफनामा दायर करने के लिए केंद्र की ओर से समय मांगने पर आपत्ति नहीं जताई।

मेहता ने इस मामले पर वापस आने के लिए कुछ और समय मांगते हुए कहा कि यह मुद्दा थोड़ा जटिल है और कई आर्थिक मुद्दे सामने आए हैं। सुनवाई की पिछली तिथि पर, केंद्र ने बैंच को सूचित किया था कि उच्चतम स्तर पर गठित एक एक्सपर्ट कमिटी द्वारा मोरेटोरियम के विस्तार, मोरोटोरियम के दौरान ब्याज, ब्याज पर ब्याज और मामले से संबंधित अन्य मुद्दों पर फैसला लेने की संभावना है। 

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने  बैंकों को निर्देश दिया कि वे किसी भी लोन को तब तक नन पर्फोर्मिंग टैग न करें जब तक कि निर्देश ना मिले। शीर्ष अदालत ने पिछली बार मामले को स्थगित कर दिया था।  सुप्रीम कोर्ट ने सरकार सेकहा था कि मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज की छूट पर अपने रुख पर ठोस जवाब दे। सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने देशव्यापी लॉकडाउन में विस्तारित मोरेटोरियम अवधि के दौरान स्थगित ईएमआई पर ब्याज की माफी की मांग करने वाली अर्जी पर सुनवाई कर रही है। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान किस्तों को मोरेटोरियम की योजना के तहत ईएमआई भुगतान टालने के लिए ब्याज पर ब्याज लेकर ईमानदार कर्जदारों को दंडित नहीं कर सकते। सुनवाई के दौरान बैंच ने कहा था कि ब्याज पर ब्याज लेना, कर्जदारों के लिए दोहरी मार होगी। मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की शीर्ष अदालत वाली बैंच ने कर रही है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।