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लॉकडाउन का असर: KG-D6 से जून अंत तक नई गैस का उत्पादन शुरू करेगी रिलायंस, ONGC से होगी सस्ती

Updated May 04, 2020 | 13:45 IST

कोरोना वायरस की वजह से रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) का गैस उत्पादन (Gas production) कार्यक्रम भी आगे बढ़ गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
रिलायंस के गैस उत्पादन पर कोरोना वायरस का असर

नई दिल्ली : कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को तबाह कर दिया है। करीब-करीब सभी देशों की आर्थिक हालत डगमगा गई है। तेल और गैस के उत्पादन पर भी असर पड़ा है।  हमारे देश में प्राइवेट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी लॉडाउन की वजह से गैस उत्पादन को जून तक टाल दिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और बीपी पीएलसी (BP PLC) ने पूर्वी तट पर केजी-डी6 ब्लॉक (KG-D6 Block) में नए खोजे गए अपने गैस स्रोतों से उत्पादन की योजना बनाई थी। कोरोना वायरस की वजह से इस समय माल और लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगे हैं इसलिए जून के अंत तक के लिए टाल दिया है।

ONGC से सस्ता होगा रिलायंस का गैस
इस समय तेल/गैस का बाजार भी कफी नीचे चल रहा है। कच्चा तेल 26 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा है। इस हिसाब से इन दानों भागीदारों की KG-D6 Block की R-सीरीज क्षेत्र परियोजना की गैस का भाव 2.2 डॉलर प्रति यूनिट प्रति 10 लाख मीट्रिक ब्रिटिश थर्मल यूनिट एमएमबीटीयू बैठेगी। यह सरकार द्वारा निर्धारित पब्लिक सेक्टर की  ONGC से उत्पादित गैस के मूल्य 2.39 डॉलर प्रति इकाई से भी कम है।

लॉकडाउन हटने पर निर्भर करेगा उत्पादन
बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के नतीजों की घोषणा के बाद निवेशकों के समक्ष प्रस्तुतीकरण में Reliance ने कहा कि वह KG-D6 Block में तीन परियोजनाओं पर काम कर रही है। यहां पुराने क्षेत्रों में उत्पादन इस साल फरवरी से बंद हो गया है। कंपनी ने कहा है कि आर-क्लस्टर क्षेत्र से पहली गैस का उत्पादन जून, 2020 तक होगा। हालांकि, यह काफी कुछ लॉकडाउन हटने पर निर्भर करेगा। कंपनी ने कहा कि आर क्षेत्र से उत्पादन मई के मध्य में शुरू होना था, लेकिन बंद की वजह से यह टाल दिया गया है।

वर्ष 2023-24 उच्चतम स्तर पर होगा उत्पादन
Reliance ने कहा कि उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023-24 तक वह इस सेक्टर में उत्पादन के उच्चतम स्तर पर होगी और उस सयम उत्पादन 2.8 करोड़ घनमीटर प्रतिदिन तक होगा। उस समय तक तीनों परियोजनाएं शुरू हो चुकी होंगी। रिलायंस और बीपी KG-D6 Block में 2022 तक तीन खोजों का विकास करेंगी। ये हैं। आर-क्लस्टर, सैटेलाइट्स और एमजे।

सैटेलाइट्स से 70 लाख घनमीटर प्रतिदिन का उत्पादन
सबसे ज्यादा 1.2 करोड़ घनमीटर का उत्पादन आर-क्लस्टर से हासिल होने की उम्मीद है। इसके अलावा सैटेलाइट्स से उच्चतम स्तर पर 70 लाख घनमीटर प्रतिदिन का उत्पादन हासिल होगा। इस क्षेत्र से उत्पादन 2021 के मध्य से शुरू होने की उम्मीद है। एमजे क्षेत्र से उत्पादन 2022 की दूसरी छमाही से शुरू होगा। इस क्षेत्र से अधिकतम 1.2 करोड़ घनमीटर प्रतिदिन का उत्पादन मिलने की उम्मीद है।

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