- हर दिन करीब 8-10 लाख लोग नए पोर्टल में लॉगइन कर रहे हैं।
- रोज करीब 40,000 आईटी रिटर्न दाखिल किए जा रहे हैं।
- पोर्टल पर 62 लाख से अधिक आधार को PAN से जोड़ने के अनुरोध मिले हैं
नई दिल्ली : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि नए आयकर पोर्टल पर ई-कार्रवाई के तहत अभी तक कुल 24,781 प्रतिक्रियाएं मिली हैं, और रोजाना 40,000 से अधिक आईटीआर दाखिल हो रहे हैं। सीबीडीटी ने साथ ही कहा कि वह नई साइट पर आ रही तकनीकी गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए युद्ध स्तर कोशिश कर रहा है।
चार्टर्ड एकाउंटेंट का कहना है कि वे पोर्टल के लॉन्च के एक महीने बाद भी परेशानियों का अनुभव कर रहे हैं। इस बारे में पीटीआई-भाषा के एक ईमेल के जवाब में, सीबीडीटी ने कहा कि उपयोगकर्ता आयकर रिटर्न 3, 5, 6 और 7 की अनुपलब्धता से संबंधित कुछ मुद्दों पर शिकायत कर रहे हैं, जबकि कुछ मामलों में आईटीआर दाखिले, ई-सत्यापन या पोर्टल में लॉगइन करने संबंधी समस्याएं सामने आई हैं, और सुधारात्मक उपाय किए जा रहे हैं।
सीबीडीटी ने कहा कि सुविधाओं को सरल बनाने के लिए करदाताओं, कर पेशेवरों और आईसीएआई के प्रतिनिधियों की राय के आधार पर सुधारात्मक उपाय किए जा रहे हैं। आयकर मामलों की शीर्ष संस्था सीबीडीटी ने कहा कि विभाग किसी भी लंबित मुद्दे के समाधान में तेजी लाने और सभी शेष सुविधाओं को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के लिए इंफोसिस के साथ लगातार जुड़ा हुआ है।
सीबीडीटी ने कहा कि इस समय हर दिन लगभग 8-10 लाख लोग नए पोर्टल में लॉगइन कर रहे हैं और औसतन 40,000 आईटी रिटर्न दाखिल किए जा रहे हैं। कर निकाय ने बताया कि पोर्टल पर 62 लाख से अधिक आधार को पैन से जोड़ने के अनुरोध मिले हैं, करीब 4.87 लाख ई-पैन जारी किए गए हैं और 1.32 लाख डीएससी पंजीकरण पूरे हो गए हैं। करदाताओं के फेसलेस मूल्यांकन के लिए कार्यक्षमता तैयार की गई है और 10 जुलाई 2021 से 1.42 लाख अटैचमेंट के साथ करदाताओं की 24,781 प्रतिक्रियाएं मिली हैं।
कई चार्टर्ड एकाउंटेंट ने नए आयकर पोर्टल के कामकाज में तकनीकी गड़बड़ियों को चिन्हित किया था और बताया कि ई-कार्यवाही और डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र जैसी कुछ प्रमुख कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सके हैं। साथ ही कुछ विदेशी फर्मों को पोर्टल में लॉगइन करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
सीबीडीटी ने अपने जवाब में यह भी कहा कि वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इंफोसिस की टीम के सदस्यों और आईसीएआई जैसे बाहरी हितधारकों के साथ नियमित रूप से बैठकें कर रहे हैं। बोर्ड ने कहा कि किसी भी लंबित मुद्दे को हल करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।