नई दिल्ली। नेशन ब्रांड इंडेक्स (NBI) से पता चला है कि भारत ने 50 देशों में अपना 34 वाँ स्थान बरकरार रखा है। साइमन अनोहल्ट और इपसास ने साझा सर्वे के बाद अपने नतीजों को जारी किया है। बता दें कि इससे पहले सात मौकों पर NBI के शीर्ष स्थान पर रहने वाली अमेरिका 2019 में छठे स्थान से गिरकर इस वर्ष 10 वें स्थान पर है और चीन की रैंकिंग जो पिछले चार वर्षों में 23 वें स्थान पर स्थिर रहा था, इस वर्ष 12 स्थान नीचे गिरकर 35 वें स्थान पर आ गया।
कई बिंदुओं पर होता है विश्लेषण
यह अध्ययन निर्यात, शासन, संस्कृति, लोगों, पर्यटन, आव्रजन और निवेश जैसे पहलुओं पर आधारित राष्ट्रों का विश्लेषण करता है। इसके अतिरिक्त, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, भारत और ब्राजील में नमूना संतुलन के लिए दौड़ या जातीयता का उपयोग किया गया था। अननहोल्ट-इप्सोस नेशंस ब्रांड इंडिया 2020 में दिखाया गया है, भारत की छवि इसकी सांस्कृतिक विरासत, निर्यात, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में योगदान की प्रतिष्ठा ताकत से निर्धारित होती है।
किसी देश के घरेलू कारकों का असर नहीं
इस साल के एनबीआई से पता चलता है कि देश की छवियों को घरेलू कारकों से प्रभावित होने की संभावना नहीं है। उदाहरण के लिए किसी देश ने कितनी अच्छी तरह या बुरी तरह से प्रबंधित किया है। केवल इसलिए कि अधिकांश देशों के घरेलू मामलों का उस देश की अपनी सीमाओं के बाहर लोगों के जीवन पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। साइमन अनहोल्ट ने एक बयान में कहा कि वास्तव में इससे क्या फर्क पड़ता है कि किसी एक देश ने किसी महामारी का कितनी अच्छी तरह से सामना किया है।
जर्मनी का शीर्ष स्थान बरकार
जर्मनी ने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। ब्रिटेन की रैंकिंग चौथे से दूसरे स्थान पर रही जबकि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने समग्र एनबीआई रैंक में उल्लेखनीय सुधार देखा। पूर्व 10 वें स्थान से आठवें स्थान पर पहुंच गया, जबकि बाद वाला 14 वें स्थान से 12 वें स्थान पर पहुंच गया । इसके जरिए किसी देश की साख के बारे में पता चलता है और उसकी वजह से निवेश प्रक्रिया पर भी असर पड़ता है।