वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आयकर विभाग ने नया ITR फॉर्म जारी किया है। इस दफा फॉर्म में कोई बड़ा बदलाव नहीं है। लेकिन कुछ परिवर्तन है जिसे समझना जरूरी है। अब आयकर दातओं के सामने मुश्किल यह होती है कि किस फॉर्म का चयन उन्हें करना होगा। इस तरह की परेशनी से बचने के लिए आप को हम बताएंगे कि कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना है।
न्यू आईटीआर फॉर्म में क्या है खास
करदाताओं के पास आईटीआर फॉर्म , सहज (ITR-1), फॉर्म ITR-2, फॉर्म ITR-3, फॉर्म ITR-4 (सुगम), फॉर्म ITR-5, फॉर्म ITR-6, फॉर्म में से प्रत्येक में जगह होगी। सीबीडीटी ने कहा कि उनके इंवेस्टमेंट को बताने के लिए आईटीआर -7 और फॉर्म आईटीआर-वी है।आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सरल रूप हैं जिसका उपयोग बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम करदाता करते हैं। सहज को व्यक्तिगत 50 लाख तक की आय वाले करदाता फाइल कर सकते हैं। इसका अर्थ यह है कि जिन लोगों की आमदनी का जरिया सिर्फ सैलरी एक घर से या ब्याज जैसे दूसरे स्रोत हैं।
अलग अलग सोर्स की कमाई पर अलग अलग फॉर्म
सुगम फॉर्म हिंदू अनिडिवाइडेड फैमिली और फर्म द्वारा फाइल किया जाता है जिनकी आमदनी 50 लाख रुपये तक होती है और ये आय बिजनेस या किसी और व्यवसाय से होती है। जो लोग या हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली की इनकम बिजनेस या किसी दूसरे स्रोत से नहीं होती है वो सहज की जगह आईटीआर-2 फाइल कर सकते है। जिनकी इनकम बिजनेस या किसी और दूसरे स्रोत से होती है वो आईटीआर-3 भर सकते हैं।
इनके अलावा व्यक्तिगत और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली और कंपनियों के अलावा जैसे पार्टनशिप फर्म, एलएलपी आईवाईटीआर -5 भर सकते हैं । कंपनियों द्वारा आईटीआर फॉर्म 6 भरा जा सकता है। ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टियां और चैरिटेबल इंस्टिट्यूशन, जो भी आयकर अधिनियम के अंतर्गत छूट का दावा करते हैं तो वो आईटीआर फॉर्म-7 दाखिल कर सकते हैं।