- पीएम मोदी ने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत 1 लाख करोड़ रुपए की वित्त पोषण सुविधा आरंभ की
- पीएम ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के विजन के अनुरूप, किसान अब उद्यमी बनने के लिए तैयार है
- पीएम मोदी ने कहा कि देश में समस्या कृषि उत्पादन को लेकर नहीं, बल्कि कटाई के बाद होने वाले नुकसान को लेकर है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (09 अगस्त) एक लाख करोड़ रुपए की कृषि अवसंरचना निधि (Agricultural Infrastructure Fund) के तहत वित्त पोषण सुविधा (financing facility) की एक नई योजना आरंभ की है। यह योजना समुदाय कृषक परिसंपत्तियों के निर्माण तथा फसल उपरांत कृषि अवसंरचना में किसानों, पैक्स, एफपीओ, कृषि उद्यमियों आदि की सहायता करेगी। ये परिसंपत्तियां उनकी उपज के लिए अधिक मूल्य पाने में किसानों को सक्षम बनाएंगी, क्योंकि वे उच्चतर मूल्यों पर भंडारण एवं बिक्री करने, अपव्ययों को कम करने और प्रोसेसिंग एवं मूल्य वर्धन बढ़ाने में सक्षम हो जाएंगे। कैबिनेट द्वारा योजना को अनुमोदित किए जाने के केवल 30 दिनों के बाद 2280 से अधिक कृषक सोसायटियों को 1000 करोड़ रुपए से अधिक की पहली मंजूरी दी गई। इस कार्यक्रम का संचालन वीडियो कांफ्रेंस के जरिए किया गया तथा इसमें देश भर के लाखों किसानों, एफपीओ, सहकारी संघों, पैक्स एवं नागरिकों ने भाग लिया।
इसी कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने लगभग 8.5 करोड़ किसानों को 17000 करोड़ रुपए की पीएम-किसान योजना के तहत छठीं किस्त भी जारी की। नगदी लाभ बटन दबाने के साथ ही आधार प्रमाणित उनके बैंक खातों में सीधा हस्तांतरित हो गया। इस हस्तांतरण के साथ, इस योजना ने 1 दिसंबर, 2018 को अपनी शुरुआत से 10 करोड़ से अधिक किसानों के हाथों में 90,000 करोड़ रुपए से अधिक उपलब्ध करा दिया है।
- प्रधानमंत्री ने वर्चुअल तरीके से कर्नाटक, गुजरात एवं मध्यप्रदेश के तीन प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसायटियों के साथ परस्पर संवाद किया जो योजना के आरंभिक लाभार्थियों में से है।
- प्रधानमंत्री की इन सोसायटियों के प्रतिनिधियों के साथ उनके वर्तमान प्रचालनों और किस प्रकार वे लोन का उपयोग करने की योजना बनाते हैं, को समझने के लिए परस्पर गहन चर्चा हुई।
- सोसायटियों ने गोदाम बनवाने, ग्रेडिंग और सॉर्टिंग इकाईयों की स्थापना करने, जो सदस्य किसानों को उनकी उपज के लिए उच्चतर मूल्य सुनिश्चित करेगा, के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी।
- प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसायटियों के साथ अपने परस्पर संवाद के बाद, प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में विश्वास जताया कि किस प्रकार किसानों और कृषि क्षेत्र को इस योजना से लाभ मिलेगा।
- उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों और कृषि क्षेत्र को वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराएगी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की भारत की क्षमता में बढोत्तरी करेगी।
- प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत के पास वेयरहाउसिंग, कोल्ड चेन और खाद्य प्रसंस्करण जैसे फसल उपरांत प्रबंधन समाधानों में निवेश करने, और जैविक तथा प्रतिबलित खाद्यों जैसे क्षेत्रों में वैश्विक उपस्थिति का निर्माण करने की विशाल संभावना है।
- उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह योजना कृषि स्टार्ट-अप्स के लिए लाभ उठाने तथा प्रचालनों को बढ़ाने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है और इस प्रकार एक ऐसे परितंत्र का निर्माण करता है जो देश के प्रत्येक हिस्से में किसानों तक पहुंचता है।
- प्रधानमंत्री ने पीएम-किसान योजना के कार्यान्वयन की गति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने यह भी नोट किया कि इस कार्यक्रम का दायरा इतना व्यापक है कि आज जारी निधियां कई देशों की एक साथ मिलाकर उनकी सारी आबादी से भी अधिक लोगों तक पहुंच गई है।
- उन्होंने राज्यों को पंजीकरण से लेकर संवितरण तक समस्त प्रक्रिया के जरिये कार्यान्वयन तथा किसानों की सहायता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए राज्यों को भी बधाई दी।
- कृषि अवसंरचना निधि ब्याज माफी तथा ऋण गारंटी के जरिये फसल उपरांत प्रबंधन अवसंरचना एवं सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यावहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए एक मध्यम-लॉन्ग टर्म लोन वित्त-पोषण सुविधा है। इस योजना की अवधि वित्त वर्ष 2020 से 2029 (10 वर्ष) होगी।
- इस योजना के तहत 3 प्रतिशत प्रति वर्ष की लोन माफी तथा दो करोड़ रुपए तक ऋण के लिए सीजीटीएमएसई स्कीम के तहत ऋण गारंटी कवरेज के साथ लोन के रूप में बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा 1 लाख करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे।
- लाभार्थियों में किसान, पैक्स, विपणन सहकारी सोसायटियां, एफपीओ, एसएचजी, संयुक्त जवाबदेही समूह (जेएलजी), बहुउद्देशीय सहकारी समितियां, कृषि उद्यमी, स्टार्ट-अप्स और केन्द्रीय/राज्य एजेंसियां या सार्वजनिक-निजी साझेदारी परियोजना प्रायोजित स्थानीय निकाय शामिल हैं।
- पीएम-किसान योजना दिसम्बर 2018 में सभी खेतिहर किसानों (उच्च विशिष्ट बहिष्करण मानदंडों के अध्यधीन) को नकदी लाभ के द्वारा आय सहायता उपलब्ध कराने के लिए आरंभ की गई थी, जिससे कि उन्हें उनकी कृषि संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने तथा उनके परिवारों की सहायता करने में सक्षम बनाया जा सके। इस योजना के तहत योग्य लाभार्थी किसानों को तीन समान किस्तों में प्रतिवर्ष 6000 रूपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
- ये कदम प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देश के तहत भारत सरकार द्वारा किए गए सुधारों की सीरीज में नवीनतम है। ये उपाय सामूहिक रूप से भारत में कृषि क्षेत्र के लिए एक नए युग का सूत्रपात करेंगे और ये भारत के किसानों के कल्याण तथा आजीविका की निरंतरता सुनिश्चित करने के प्रयोजन को पूरा करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं।