केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र के संकटग्रस्त लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) को मोरेटोरियम में डालकर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं, बैंक को 16 दिसंबर तक के लिए मोरेटोरियम (Moratorium) के तहत रखा गया है। बैंक के बोर्ड को Supersession कर दिया गया है और निकासी की सीमा (Withdrawal Limit) तय कर दी है। ग्राहक अब 16 दिसंबर तक बैंक से अधिकतम 25 हजार रुपये की ही निकासी कर सकेंगे।
इस कदम के बाद अब एक महीने तक बैंक ग्राहक हर दिन अधिकतम 25,000 रुपये ही निकाल पाएंगे, वित्त मंत्रालय के एक बयान में यह जानकारी दी गई। मोरेटोरियम की अवधि के दौरान जमाकर्ता के इलाज, उच्च शिक्षा की फीस, शादी जैसे जरूरी कामों के लिए डिपॉजिटर 25 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी कर सकते हैं, हालांकि, इसके लिए रिजर्व बैंक से परमीशन लेनी होगी।
बताया जा रहा है कि लक्ष्मीविलास बैंक पर एक महीने का मोरेटोरियम लगाया गया है ये 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक के लिए लागू किया गया है। ये आदेश आरबीआई अधिनियम की धारा 45 के तहत लाया गया है।
बैंक के फंसे हुए कर्ज में लगातार इजाफा हो रहा था
लक्ष्मी विलास बैंक के मैनेजमेंट में उथल-पुथल का दौर काफी समय से चल रहा था और बैंक पिछले कुछ साल से पूंजी जुटाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन कामयाब नहीं हुआ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में विलय के प्रस्ताव को आरबीआई ने 2019 में खारिज कर दिया था, बैंक के फंसे हुए कर्ज में लगातार इजाफा हो रहा था। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स ने पिछले महीने 93 साल पुराने इस प्राइवेट बैंक की रेटिंग घटा दी थी वहीं रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहकों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि उनके हितों की पूरी रक्षा की जाएगी और उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है।