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पीएम जन-धन योजना के 6 साल पूरे, जानिए इसके बारे में सब कुछ, अब तक 40.35 करोड़ लोगों ने उठाया लाभ

Updated Aug 28, 2020 | 13:05 IST

PM Jan-Dhan Yojana : प्रधानमंत्री जन-धन योजना के 6 साल पूरे हो गए हैं। अब तक  40.35 करोड़ लोगों ने बैंकों में अकाउंट ओपन करवाए। जानिए इसके फायदे।

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पीएम जन-धन योजना
मुख्य बातें
  • वित्त मंत्री ने कहा कि पीएमजेडीवाई मोदी सरकार के जन केंद्रित आर्थिक कार्यक्रमों की बुनियाद रही है
  • पीएमजेडीवाई के तहत 63.6% ग्रामीण, 55.2% महिलाओं ने खाते खुलवाए
  • करीब 8 करोड़ पीएमजेडीवाई खाताधारक सरकार से डायरेक्ट बेनिफिट्स ट्रांसफर प्राप्त करते हैं

Prime Minister Jan Dhan Yojana : मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के 6 साल पूरे हो गए हैं।  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार (28 अगस्त 2020) को कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना से 40.35 करोड़ से अधिक लोगों को फायदा मिला है। इस योजना की 6ठी वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया, आज से 6 साल पहले प्रधानमंत्री जन धन योजना को बैंकिंग के महत्वाकांक्षी उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था। यह पहल एक गेम-चेंजर रही है, जो कई गरीबी उन्मूलन इनिशिएटिव में फाउंडेशन के रूप में काम करती है, जिससे करोड़ों लोगों को लाभ होता है। प्रधानमंत्री जन धन योजना की बदौलत कई परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो गया है। लाभार्थियों में अधिकांश ग्रामीण इलाकों से है और महिलाएं हैं। मैं उन सभी की भी सराहना करता हूं जिन्होंने पीएम-जेडीवाई को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास किया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पीएम जनधन योजना की घोषणा की थी। 28 अगस्त को इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने इस अवसर को एक दुष्चक्र से गरीबों की मुक्ति के एक जश्न के तौर पर बताया था। सीतारमण ने कहा कि PMJDY मोदी सरकार की जन-केंद्रित आर्थिक पहलों की आधारशिला रही है। उन्होंने कहा कि चाहे वह डायरेक्ट बेनिफिट्स हो, कोरोना वायरस महामारी के दौरान आर्थिक सहायता हो, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत वेतन में वृद्धि हो या जीवन और स्वास्थ्य बीमा कवर, पहला कदम था कि सभी व्यस्क को बैंक खाता मुहैया कराना, जिसे PMJDY ने करीब पूरा कर लिया है।

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में PMJDY ने बैंकिंग सिस्टम में इससे छूट गए लोगों को जोड़ा और 40 करोड़ से अधिक खाताधारकों को फाइनेंस सिस्टम में शामिल किया गया, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं और अधिकांश खाते ग्रामीण भारत के हैं। PMJDY खातों के तहत कुल जमा शेष राशि 1.31 लाख करोड़ रुपए और प्रति खाता औसत जमा राशि 3,239 रुपए है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस खाते से गरीब लोगों को अपनी बचत औपचारिक वित्तीय प्रणाली में रखने का रास्ता खुला और इसके जरिए गांवों में अपने परिवारों तक पैसे भेजने के साथ ही उन्हें साहूकारों के चंगुल से निकलने में भी मदद मिली।

इस योजना को सफलतापूर्वक लागू हुए 6 वर्ष पूरे हो चुके हैं और इस अवसर पर हम इस योजना के अब तक के प्रमुख पहलुओं और उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं। प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) बैंकिंग, बचत/जमा खातों, प्रेषण, उधारी, बीमा, पेंशन आदि वित्तीय सेवाओं तक किफायती तरीके से पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय समावेशन का एक राष्ट्रीय मिशन है।

जन-धन योजना का उद्देश्य

  1. किफायती मूल्य पर वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना
  2. लागत घटाने और पहुंच को व्‍यापक बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग

जन-धन योजना के मूल सिद्धांत

  1. बैंकिंग पहुंच से दूर रहने वाले लोगों को बैंकिंग प्रणाली में शामिल करना - न्यूनतम कागजी कार्रवाई के साथ मूल बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता खोलना, केवाईसी, ई-केवाईसी नियमों में ढील देना, शून्य खाता शेष और शून्य शुल्क के साथ शिविर मोड में खाता खोलना।
  2. असुरक्षित को सुरक्षित करना - 2 लाख रुपये के मुफ्त दुर्घटना बीमा कवरेज के साथ नकद निकासी और भुगतान के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी करना।
  3. वित्‍त पोषण की सुविधा - सूक्ष्‍म बीमा, उपभोग के लिए ओवरड्राफ्ट, माइक्रो-पेंशन और माइक्रो-क्रेडिट जैसे अन्य वित्तीय उत्पाद
  4. जन-धन योजना की शुरुआती विशेषताएं
  5. यह योजना निम्‍नलिखित 6 स्‍तंभों के साथ शुरू की गई थी:
  6. बैंकिंग सेवाओं- शाखा एवं बीसी तक सार्वभौमिक पहुंच।
  7. प्रत्‍येक परिवार को 10,000 रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ मूल बचत बैंक खाता।  
  8. वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम- बचत को बढ़ावा देना, एटीएम का उपयोग, ऋण के लिए तैयार होना, बीमा एवं पेंशन का लाभ उठाना, बैंकिंग के लिए बेसिक मोबाइल फोन का उपयोग करना।
  9. क्रेडिट गारंटी फंड तैयार करना- डिफॉल्‍ट होने की स्थिति में बैंकों को कुछ गारंटी प्रदान करना।
  10. बीमा- 15 अगस्त 2014 से 31 जनवरी 2015 के बीच खोले गए खातों पर 1,00,000 रुपये तक दुर्घटना कवर और 30,000 रुपये का जीवन कवर प्रदान करना।
  11. असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन योजना।

पिछले अनुभव के आधार पर PMJDY में अपनाए गए महत्वपूर्ण दृष्टिकोण

  1. खोले गए सभी खाते बैंकों की कोर बैंकिंग प्रणाली से संबद्ध ऑनलाइन खाते हैं जबकि पहले वेंडर के साथ लॉक-इन प्रौद्योगिकी वाले ऑफलाइन खाते खोले जाते थे।
  2. रूपे डेबिट कार्ड या आधार समर्थित भुगतान प्रणाली (एईपीएस) के माध्यम से अंतर-संचालन की सुविधा।
  3. फिक्स्ड पॉइंट बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट्स।
  4. केवाईसी की बोझिल औपचारिकताओं के स्थान पर सरलीकृत केवाईसी/ई-केवाईसी।

 नई सुविधाओं के साथ PMJDY में विस्‍तार

  1. सरकार ने कुछ संशोधनों के साथ व्यापक PMJDY कार्यक्रम को 28 अगस्त 2018 से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।
  2. यह योजना प्रत्‍येक परिवार के बजाय अब प्रत्‍येक वयस्‍क को बैंकिंग प्रणाली के दायरे में लाने पर ध्‍यान केंद्रित कर रही है।
  3. रूपे कार्ड बीमा – 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए PMJDY खातों के लिए रूपे कार्ड पर मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया।

जन-धन योजना में ओवरड्राफ्ट सुविधाओं में वृद्धि

  1. ओवरड्राफ्ट सीमा को 5,000 रुपये से दोगुना करते हुए 10,000 रुपये किया गया, 2,000 रुपये तक ओवरड्राफ्ट (बिना शर्त)।
  2. ओवरड्राफ्ट के लिए ऊपरी आयु सीमा को 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किया गया।

जन-धन योजना की उपलब्धियां

  1. 19 अगस्त 2020 के अनुसार PMJDY खातों की कुल संख्या: 40.35 करोड़, ग्रामीण PMJDY खाते: 63.6 प्रतिशत, महिला PMJDY खाते: 55.2 प्रतिशत।
  2. योजना के पहले वर्ष के दौरान 17.90 करोड़ PMJDY खाते खोले गए।
  3. PMJDY के तहत खातों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।
  4. आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, PMJDY खाते को निष्क्रिय तभी माना जाता है जब ग्राहक दो साल से अधिक समय तक खाते में कोई लेन-देन नहीं करता है।
  5. अगस्त 2020 में कुल 40.35 करोड़ PMJDY खातों में से 34.81 करोड़ (86.3 प्रतिशत) सक्रिय खाते हैं।
  6. सक्रिय खातों के प्रतिशत में लगातार हो रही वृद्धि से पता चलता है कि इनमें से अधिकतर खातों का उपयोग नियमित रूप से ग्राहकों द्वारा किया जा रहा है।
  7.  PMJDY खातों के तहत कुल जमा रकम 1.31 लाख करोड़ रुपये है।
  8. खातों की संख्‍या में 2.3 गुना वृद्धि (अगस्त 2015 से अगस्त 2020) होने के साथ ही जमा रकम में 5.7 गुना वृद्धि दर्ज की गई।
  9. प्रति खाता औसत जमा 3,239 रुपये।
  10. अगस्त 2015 के मुकाबले प्रति खाता औसत जमा में 2.5 गुना वृद्धि दर्ज की गई।
  11. औसत जमा में वृद्धि खातों के बढ़ते उपयोग और खाताधारकों के बीच बचत की आदत में वृद्धि का एक अन्‍य संकेत है।
  12. PMJDY के खाताधारकों को जारी किए गए कुल रूपे कार्ड: 29.75 करोड़।
  13. समय के साथ-साथ रूपे कार्ड की संख्या और उसकी उपयोगिता बढ़ रही है।

जन धन दर्शक ऐप

देश में बैंक शाखाओं, एटीएम, बैंक मित्रों, डाक घरों आदि जैसे बैंकिंग टच पॉइंट का पता लगाने के लिए एक नागरिक केंद्रित प्‍लेटफॉर्म प्रदान करने के उद्देश्‍य से एक मोबाइल ऐप्लिकेशन लॉन्‍च  किया गया था। इस जीआईएस ऐप पर 8 लाख से अधिक बैंकिंग टच पॉइंट मैप किए गए हैं। आम लोगों की जरूरतों और सुविधाओं के अनुसार जन धन दर्शक ऐप पर उपलब्‍ध सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है। इस ऐप्लिकेशन के वेब संस्करण को http://findmybank.gov.in लिंक पर देखा जा सकता है।

इस ऐप का इस्तेमाल उन गांवों की पहचान के लिए भी किया जा रहा है जहां 5 किमी के दायरे में कोई बैंकिंग टच पॉइंट की सुविधा नहीं है। उसके बाद इन चिन्हित गांवों को संबंधित एसएलबीसी द्वारा विभिन्न बैंकों को आवंटित किया जाता है ताकि वहां बैंकिंग केंद्र खोला जा सके। इन सब प्रयासों से ऐसे गांवों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है।

जन-धन योजना महिला लाभार्थियों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण पैकेज (पीएमजीकेपी)

माननीय वित्त मंत्री द्वारा 26 मार्च 2020 को की गई घोषणा के अनुसार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के महिला खाताधारकों के खातों में तीन महीनों (अप्रैल 2020 से जून 2020) के दौरान 500 रुपये प्रति माह रकम जमा कराई गई। अप्रैल 2020 से जून 2020 के दौरान महिला PMJDY खाताधारकों के खातों में कुल मिलाकर 30,705 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं।

जन-धन योजना में निर्बाध डीबीटी लेन-देन सुनिश्चित करना

बैंकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, लगभग 8 करोड़ PMJDY खाताधारकों ने सरकार से विभिन्न योजनाओं के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्राप्‍त किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पात्र लाभार्थियों को समय पर उनका डीबीटी प्राप्‍त हो, विभाग डीबीटी मिशन, एनपीसीआई, बैंकों और विभिन्न अन्य मंत्रालयों के परामर्श से डीबीटी के विफल होने के संभावित कारणों की पहचान करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इस संबंध में बैंकों और एनपीसीआई के साथ नियमित तौर पर निगरानी की जाती है। अपरिहार्य कारणों से डीबीटी के विफल होने की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। डीबीटी के विफल होने की संख्या अप्रैल 2019 में 5.23 लाख (0.20%) थी जो घटकर जून 2020 में 1.1 लाख (0.04%) रह गई। 

जन-धन योजना में आगे क्या-क्या होगा

  1. PMJDY खाताधारकों का सूक्ष्म बीमा योजनाओं के तहत कवरेज सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। पात्र PMJDY खाताधारकों को पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत कवर करने के लिए कहा जाएगा। इस संबंध में बैंकों को पहले ही सूचित किया जा चुका है।
  2. PMJDY खाताधारकों के बीच रूपे डेबिट कार्ड के उपयोग सहित डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जाएगा और इसके लिए देश भर में उपयुक्‍त बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा।
  3. माइक्रो-क्रेडिट और सूक्ष्‍म निवेश जैसी फ्लेक्सी आवर्ती जमा आदि तक PMJDY खाताधारकों की पहुंच में सुधार लाने की कोशिश की जाएगी।

सरकार ने 2018 में नई सुविधाओं और फायदों के साथ PMJDY के दूसरे संस्करण को लॉन्च किया। इसके तहत सरकार ने 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए खातों के लिए रुपे कार्ड पर मुफ्त आकस्मिक बीमा कवर देने का फैसला किया। साथ ही ओवरड्राफ्ट की सीमा भी बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दी गई और बिना किसी शर्त 2,000 रुपए तक ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी गई। पिछले एक साल में करीब 3.6 करोड़ जन धन खाते खोले गए और 19 अगस्त 2020 तक कुल जन-धन खातों की संख्या 40.35 करोड़ से अधिक थी।

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