नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत आज दुनिया में निवेश के लिए सबसे बेहतर स्थान है। उन्होंने कहा कि कंपनियां निवेश के लिए जिस तरह का भरोसा और नीतियों में अनुकूलता चाहतीं हैं वह सब भारत में उपलब्ध है। मोदी ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी मंच को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की तरफ से सुधारों की दिशा में उठाए गए कदमों और कोयला, खनन, रेलवे समेत विभिन्न क्षेत्रों में अवसरों का जिक्र किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत एक मजबूत लोकतांत्रिक और विविधता वाला देश है और हाल के महीनों में दूरगामी सुधार किए गए हैं। मंच का पांच दिवसीय सम्मेलन 31 अगस्त से शुरू हुआ। इसका विषय ‘अमेरिका-भारत के सामने मौजूद नई चुनौतियां’ है।
भारत निवेश के लिहाज से सर्वाधक अनुकूल देश
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत निवेश के लिहाज से सर्वाधक अनुकूल देश है। उन्होंने कहा कि महामारी ने दुनिया को दिखाया है कि ग्लोबल आपूर्ति सीरीज के विकास का फैसला सिर्फ लागत के आधार पर नहीं लिया जाना चाहिए। वे भरोसे पर भी आधारित होने चाहिए। कंपनियां अब भौगोलिक क्षेत्र की सामर्थ्य के साथ ही विश्वसनीयता और नीतिगत स्थायित्व पर भी विचार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत ऐसी जगह है, जहां ये सभी विशेषताएं हैं। उन्होंने कहा, इन्हें देखते हुए भारत विदेशी निवेश के लिए सबसे अनुकूल स्थलों में से एक के रूप में उभर रहा है।
दुनिया हम पर विश्वास करती है
मोदी ने कहा कि चाहे अमेरिका हो या खाड़ी देश, चाहे यूरोप हो या ऑस्ट्रेलिया- दुनिया हम पर विश्वास करती है। इस साल हमें 20 अरब डॉलर का विदेशी निवेश प्रवाह हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत में एफडीआई 2019 में 20 प्रतिशत बढ़ा है, वो भी तब जब ग्लोबल एफडीआई में एक प्रतिशत की गिरावट आई है और ये हमारी एफडीआई व्यवस्था की सफलता को दिखाता है।
लालफीताशाही को कम करने के लिए दूरगामी सुधार किए
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कारोबार को आसान बनाने और लालफीताशाही को कम करने के लिए दूरगामी सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए आगे की राह अवसरों से भरी हुई है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में सुधारों के साथ-साथ मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरणों, फार्मा क्षेत्रों के लिए शुरू की गई उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजनाओं का भी जिक्र किया।
भारत पारदर्शी और विश्वसनीय टैक्स व्यवस्था है
टैक्स व्यवस्था में सुधार का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक पारदर्शी और विश्वसनीय टैक्स व्यवस्था की पेशकश करता है। हमारी व्यवस्था ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करती है और समर्थन देती है। हमारा जीएसटी एक एकीकृत, पूर्ण रूप से आईटी सक्षम अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है। दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता से पूरी वित्तीय व्यवस्था के लिए जोखिम कम हुआ है। हमारे व्यापक श्रम सुधारों से नियोक्ताओं के लिए अनुपालन का बोझ कम होगा। इससे कामगारों को सामाजिक सुरक्षा भी मिलेगी।
भारत अवसरों से भरा हुआ है
उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया में सबसे कम टैक्स वाला देश बनाने और नई विनिर्माण इकाइयों को प्रोत्साहन देने पर काम हो रहा है। नागरिकों की सहायता के लिहाज से अनिवार्य ई-प्लेटफॉर्म आधारित ‘फेसलेस एसेसमेंट’ एक दूरगामी कदम साबित होगा। करदाता चार्टर भी इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। भारत में अवसरों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि आगे का रास्ता अवसरों से भरा हुआ है। ये अवसर सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में मौजूद हैं। हाल में कोयला, खनन, रेलवे, रक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों को खोल दिया गया है। मोदी ने कहा कि भारत में मौजूद चुनौतियों के लिए आपके पास एक ऐसी सरकार है, जो नतीजे देने में भरोसा करती है। इस सरकार के लिए सुगम जीवनशैली उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितना कारोबारी सुगमता।
कोरोना टेस्टिंग के लिए देश भर में करीब 1600 लैब हैं
कोविड-19 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थिति में नयी सोच की जरूरत है जो मानव-केंद्रित हो। भारत ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए रिकॉर्ड समय में अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार कर यही काम किया है। मोदी ने कहा कि भारत में रिकॉर्ड समय में मेडिकल संबंधी बुनियादी अवसंरचना को काफी तेजी से बढ़ा दिया गया है। चाहे वे कोविड अस्पताल हों, आईसीयू की व्यापक क्षमता हो। जनवरी में सिर्फ एक टेस्टिंग लैब थी, जबकि अब हमारे पास देश भर में लगभग सोलह सौ लैब हैं।
65 प्रतिशत जनसंख्या की उम्र 35 वर्ष से कम
युवा आबादी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आप एक युवा देश की ओर देख रहे हैं, जिसकी 65 प्रतिशत जनसंख्या की उम्र 35 वर्ष से कम है। आप एक आकांक्षी देश की ओर देख रहे हैं, जिसने खुद को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का फैसला किया है। मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह स्थानीय को वैश्विक से मिलाता है। उन्होंने कहा ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मतलब भारत को एक निष्क्रिय बाजार से वैश्विक मूल्य सीरीज में एक सक्रिय विनिर्माण केन्द्र में बदलना है।