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UN के खाद्य एवं कृषि संगठन की आज 75वीं वर्षगाठ, पीएम मोदी जारी करेंगे 75 रुपये का सिक्का

Updated Oct 16, 2020 | 06:47 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज 75 रुपये का स्मृति सिक्का जारी करेंगे।

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पीएम मोदी आज इस अवसर पर जारी करेंगे 75 रुपये का सिक्का
मुख्य बातें
  • एफएओ की 75वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी जारी करेंगे 75 रुपये का स्मृति सिक्का
  • 17 जैव संवर्धित किस्मों को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे पीएम मोदी
  • 8 फसलों की जैव-विविधता वाली किस्में पोषण के मामले में 3.0 गुना अधिक हैं

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की 75वीं वर्षगांठ के अवसर 75 रुपये का स्मारक सिक्का जारी करेंगे। इसके अलावा पीएम मोदी देश में हाल ही में विकसित आठ फसलों की जैव-विविधता वाली 17 किस्मों को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 75 रुपये के खास सिक्के को जारी कर भारत और खाद्य एवं कृषि संगठन की के बीच मजबूत रिश्ते को दर्शाने की योजना है।

प्राथमिकता का प्रतीक होगा कार्यक्रम

 यह आयोजन कृषि और पोषण को सरकार द्वारा दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता का प्रतीक होगा। इसके साथ ही यह सरकार के भूख और कुपोषण को पूरी तरह से समाप्त करने के संकल्प का एक प्रमाण भी है। इस कार्यक्रम को देश भर के आंगनवाड़ियों, कृषि विज्ञान केंद्रों, जैविक और बागवानी मिशनों द्वारा देखा जा सकेगा केंद्रीय कृषि मंत्री, वित्त मंत्री तथा महिला और बाल विकास मंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगी। 

फसले पोषण से हैं भरपूर

प्रधानमंत्री द्वारा देश को समर्पित की जाने वाली 8 फसलों की हाल ही में विकसित जैव-विविधता वाली किस्में पोषण के मामले में 3.0 गुना अधिक हैं। चावल की किस्म सीआर धान 315 जस्ता की अधिकता वाली है; गेहूं की एचडी 3298 किस्म प्रोटीन और लौह से जबकि DBW 303 और DDW 48 प्रोटीन और लौह से समृद्ध है। मक्का की हाइब्रिड किस्म 1,2 और 3 लाइसिन और ट्राइप्टोफैन से , बाजरे की  सीएफएमवी 1 और 2 फिंगर किस्म  कैल्शियम, लोहा और जस्ता से भरपूर है। छोटे बाजारे की सीसीएलएमवी 1 किस्म लौह और जस्ते से भरपूर है।  पूसा सरसों 32 कम एरियूसिक एसिड से जबकि मूंगफली की गिरनार 4 और 5 किस्म  बढ़े हुए ओलिक एसिड से तथा रतालू की श्री नीलिमा तथा डीए 340 किस्म एंथोसायनिन से भरपूर है

फसलों की ये किस्में, अन्य खाद्य सामग्री के साथ, सामान्य भारतीय थाली को पोषक तत्वों वाली थाली में बदल देंगी। इन किस्मों को स्थानीय भूमि और किसानों द्वारा विकसित किस्मों   का उपयोग करके विकसित किया गया है। उच्च जस्ता युक्त चावल की किस्म गारो पर्वतीय क्षेत्र तथा  गुजरात के डांग जिले से संग्रहित की गई है।

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