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PMC Bank Crisis: बैंक में कितना सुरक्षित है आपका पैसा? बैंकों के बारे में ये बातें जरूर जान लें

Updated Oct 15, 2019 | 12:04 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

PMC Bank: अपनी बचत को अब तक लोग बैंक में सुरक्षित जमा करते आए हैं, लेकिन पीएमसी बैंक का हाल देखकर बहुत से लोग डर गए हैं। अपनी जमा पूंजी बचाने के लिए आपको बैंकों के बारे में कुछ बातें जरूर जान लेनी चाहिए।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
PMC bank News: बैंकों में कितना सुरक्षित है आपकी जमा पूंजी
मुख्य बातें
  • आरबीआई ने पीएमसी बैंक मामले में निकासी सीमा को बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया है।
  • आरबीआई ने 6 महीने के लिए बैंक के नियमित लेनदेन पर रोक लगा दी है।
  • 'बैंकिंग भी आखिरकार एक व्यवसाय ही है और यह भी असफल हो सकता है।'

अपनी मेहनत की कमाई को एक बैंक के हाथ में सौंपने के बावजूद उसे खो देना किसी बुरे सपने से कम नहीं है। महाराष्ट्र के एक कोऑपरेटिव बैंक की वजह से लोगों को इस तरह की संकट का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि RBI ने उसे अगले छः महीने तक किसी व्यवसाय में संलग्न न होने का निर्देश दे डाला। बैंक से पैसे निकालने की रकम पर भी एक निर्धारित सीमा लगा दी गई है। पता चला है कि बैंक ने अपने NPA की सही-सही घोषणा नहीं की थी और वह नियामक सीमा से बाहर जाकर एक रियल एस्टेट डेवलपर को पैसे उधार दे रहा था।

कोऑपरेटिव बैंक, कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड संस्थान होते हैं। चूंकि वे बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1966 के दायरे में आते हैं, इसलिए RBI उनके रेगुलेशन की देखभाल करता है, लेकिन उनके मैनेजमेंट से संबंधित मामलों पर राज्य सरकार का नियंत्रण होता है। RBI ने छः महीने के लिए बैंक से होने वाले नियमित लेनदेन पर प्रतिबन्ध लगा दिया है, और उसके ग्राहकों को सिर्फ 40,000 रुपए निकालने की इजाजत दी गई है। पैसे निकालने से जुड़ा यह प्रतिबन्ध सभी जमाकर्ताओं पर लागू होता है जिसमें करंट अकाउंट, सेविंग्स अकाउंट, और डिपोजिट अकाउंट होल्डर्स भी शामिल हैं।

बैंकों को अपना पैसा रखने के लिए सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है लेकिन इसके बावजूद, इस तरह के संकट से एक सबक यह भी मिलता है कि बैंकिंग भी आखिरकार एक व्यवसाय ही है और यह भी असफल हो सकता है। अपने पैसे को कैसे सुरक्षित रखने के साथ-साथ उसे कैसे मैनेज करना चाहिए, इसके बारे में कुछ जानकारी हासिल करने के लिए, आइए इस संकट के बारे में थोड़ी और गहराई से जानने की कोशिश करते हैं।

संकट आने पर जमाकर्ताओं के पैसे का क्या होता है

किसी भी बैंक में जमा की गई रकम पर 1 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस मिलता है और यह इंश्योरेंस, डिपोजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGO) द्वारा दिया जाता है। इसलिए, यदि एक बैंक दिवालिया हो जाता है तो आपको अपनी जमा रकम में से सिर्फ 1 लाख रुपए तक ही मिल सकता है। दुर्भाग्य से, इंश्योरेंस कंपनी द्वारा इससे ज्यादा नुकसान को कवर नहीं किया जाता है। लेकिन, कुछ मामलों में, केंद्र सरकार एक बैंक को इस संकट से बाहर निकलने और उसे दिवालिया होने से बचाने का उपाय कर सकती है।

EMI, ऑटो डेबिट मैंडेट वाले लोगों के साथ क्या होता है?

पैसे निकालने पर RBI के प्रतिबन्ध के कारण, कस्टमर द्वारा दिए गए मैंडेट के अनुसार अकाउंट्स से ऑटो-डेबिट वाली सुविधा काम नहीं करेगी। उदाहरण के लिए, यदि आपके म्यूच्यूअल फंड्स के SIP के लिए ऑटो-डिडक्शन, प्रभावित बैंक अकाउंट के माध्यम से होता है तो यह काम नहीं करेगा, और इसलिए इसे जारी रखने के लिए आपको इसके बजाय किसी दूसरे बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करना चाहिए।

यदि आपने उसी बैंक से कोई लोन लिया है और कुछ EMI का पेमेंट कर दिया है तो आपके अकाउंट से अमाउंट कट जाएगा लेकिन यदि बैलेंस काफी नहीं है तो आपको समय पर ऐसे लोन की EMI जमा करनी पड़ेगी। इसी तरह, अपने इंश्योरेंस प्रीमियम के पेमेंट और अन्य इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस के लिए अपना बैंक विवरण बदलना जरूरी है।

PMC बैंक संकट से क्या सीख मिलती है?

  1. एक बैंक का चुनाव करते समय, उसके फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स की जांच करना न भूलें, और यदि आपको इसे समझने में कठिनाई हो रही है तो आप एक क्वालिफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद ले सकते हैं।
  2. ऐसे बैंक से दूर रहें जो ऐसे प्रोडक्ट ऑफर कर रहे हैं जो बहुत ज्यादा अच्छे लग रहे हैं। उदाहरण के लिए, अन्य बैंकों की तुलना में बहुत ज्यादा इंटरेस्ट रेट वाला फिक्स्ड डिपोजिट, खतरे की घंटी हो सकती है और इनसे बचकर रहना चाहिए।
  3. बैंक की फाइनेंशियल मजबूती का पता लगाने के लिए उसके पूँजी पर्याप्तता अनुपात, उसके NPA के स्तर, और पिछले 2 से 3 साल में उसकी प्रॉफिटेबिलिटी की जांच करें।
  4. लोग कई कारणों से जैसे FD पर आकर्षक इंटरेस्ट रेट, निकटता या निकट स्थान, कम दस्तावेज, इत्यादि के कारण अक्सर बड़े बैंकों के बजाय कोऑपरेटिव बैंकों का चुनाव करते हैं।
  5. लेकिन, ऐसा करते समय, हममें से अधिकांश लोग यह सोचकर अपने पैसे की सुरक्षा को लेकर बेखबर रहते हैं कि सभी बैंक सुरक्षित होते हैं। लेकिन हाल का यह संकट, लोगों की आंख खोलने का काम करता है और बैंकिंग से संबंधित उन पहलुओं पर रौशनी डालता है जिनके बारे में कंज्यूमर्स को पता होना चाहिए।
  6. इसके अलावा संकट के समय भी पैसे की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग बैंक अकाउंट्स या इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स में पैसे रखने में ही भलाई है।
  7. अपने फिक्स्ड डिपोजिट को अलग-अलग बैंकों में रखना चाहिए। अपने रिस्क को डाइवर्सिफाई करने के लिए आप ये डिपोजिट अकाउंट अपने परिवार के सदस्यों के नाम से भी खुलवा सकते हैं।
  8. बड़े-बड़े फंड्स के लिए जैसे रिटायरमेंट सेविंग्स के लिए, आपको सिर्फ प्रतिष्ठित और स्थायी बैंकों पर ही भरोसा करना चाहिए, यदि वे थोड़े कम इंटरेस्ट दे रहे हों तब भी। आप चाहें तो प्राइवेट और पब्लिक दोनों तरह के बैंकों में पैसा रख सकते हैं।

यदि किसी प्रभावित कोऑपरेटिव बैंक में आपका कोई अकाउंट है तो आपको कुछ महीने इंतजार करना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि RBI क्या करना चाहता है। अपनी मेहनत की कमाई को मुसीबत में पड़ते देखना बहुत मुश्किल होता है, अभी थोड़ा धैर्य रखने और सबसे अच्छे परिणाम की उम्मीद करने का समय है। इसके अलावा, अपनी बैंकिंग सम्बन्धी जरूरतों के लिए सिर्फ एक बैंक के भरोसे न रहें। अपने ऑप्शंस के बारे में अच्छी तरह खोजबीन करें और उसी बैंक में अपना पैसा रखें जहाँ आपका रिटर्न और पैसे की सुरक्षा अधिक हो।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.comके CEO आदिल शेट्टी हैं) (डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं।)

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