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इस बैंक ने बदला चेक से जुड़ा नियम, जानें क्या है ये, आप पर कैसे होगा असर और कब से होगा लागू

Updated Mar 02, 2022 | 18:18 IST

पिछले साल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को दिशानिर्देश दिए थे कि ग्राहकों को उच्च मूल्य के चेक की धोखाधड़ी से बचाने के लिए PPS सिस्टम लागू किया जाए।

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PNB new rule: इस बैंक ने बदला चेक से जुड़ा नियम, जानें क्या है ये, आप पर कैसे होगा असर और कब से होगा लागू (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • पंजाब नेशनल बैंक ने चेक से जुड़े नियम में बदलाव किया है।
  • बैंक ने ग्राहकों को चेक धोखाधड़ी से बचाने के लिए कदम उठाया गया।
  • यह नियम सिर्फ बड़े मूल्य वाले चेक पर लागू होगा।

नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank, PNB) ने मंगलवार को कहा कि चार अप्रैल से पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) के तहत चेक जारी करने वाले से दोबारा पुष्टि के बाद ही 10 लाख रुपये और उससे ज्यादा मूल्य के चेक को मंजूरी दी जाएगी।

पीएनबी ने कहा कि वह 4 अप्रैल, 2022 से पॉजिटिव पे सिस्टम को अनिवार्य कर देगा। दिल्ली मुख्यालय वाले ऋणदाता ने आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार 1 जनवरी, 2021 से सीटीएस क्लीयरिंग में प्रस्तुत 50,000 रुपये और उससे अधिक के चेक के लिए पीपीएस की शुरुआत की थी। बैंकिंग नियामक ने कहा था कि सुविधा का लाभ उठाना खाताधारक के ऊपर निर्भर है और बैंक 5 लाख रुपये और उससे अधिक के चेक मूल्य के लिए इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर सकता है। पीएनबी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अब 10 लाख रुपये और उससे अधिक के चेक के लिए अगले महीने से पीपीएस अनिवार्य हो जाएगा।

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क्या है पॉजिटिव पे सिस्टम? (What is Positive Pay System)
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित पॉजिटिव पे सिस्टम के अनुसार, उच्च मूल्य का चेक जारी करने वाले ग्राहक को कुछ आवश्यक जानकारी की दोबारा पुष्टि करनी होती है। भुगतान से पहले चेक को क्लीयर करते समय जानकारी को क्रॉस-चेक किया जाता है।

चेक क्लीयरिंग के लिए देनी होगी ये जानकारी
बैंक ने कहा कि उसके ग्राहकों को पीपीएस के तहत उच्च मूल्य के चेक को क्लीयर करने के लिए बैंक अकाउंट नंबर, चेक नंबर, चेक अल्फा कोड, जारी करने की तारीख, राशि, लाभार्थी का नाम जैसी जानकारी साझा करनी होगी।

कब और कैसे देनी होगी जानकारी?
चेक को क्लीयरिंग के लिए प्रस्तुत करने से कम से कम 24 घंटे पहले इन जानकारियों को बैंक के साथ साझा करना होगा। ग्राहक अपने इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एसएमएस बैंकिंग या अपनी होम ब्रांच के माध्यम से जानकारी साझा कर सकते हैं।

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