- देश का पहला पीपीपी मॉडल आधारित रेलवे स्टेशन आज देश को समर्पित किया गया।
- जो सुविधाएं कभी एयरपोर्ट में मिला करती थीं, वो अब रेलवे स्टेशन में मिल रही हैं: पीएम मोदी
- आज भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए रिकॉर्ड निवेश कर रहा है।
Rani kamlapati Railway Station: प्रधानमंत्री नरेंद मोदी (PM Narendra Modi) ने 15 नवंबर को भोपाल में हबीबगंज रेलवे स्टेशन (अब रानी कमलापति रेलवे स्टेशन) का उद्घाटन किया। यह भारत का पहला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन (World Class Railway Station) है। हबीबगंज रेलवे स्टेशन (Habibganj railway station) पीपीपी मोड में बनने वाला पहला स्टेशन है। ये टर्मिनल करीब 100 करोड़ रुपये के लागत से बना है। इस मौके पर रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रानी कमलापति के नाम पर स्टेशन का नामकरण करने लिए पीएम मोदी का धन्यवाद किया।
हजारों यात्रियों को होगा लाभ- पीएम मोदी
वहीं पीएम मोदी ने कहा कि, 'भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का सिर्फ कायाकल्प ही नहीं हुआ है, बल्कि गिन्नौरगढ़ की रानी, कमलापति जी का नाम जुड़ने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इससे हजारों यात्रियों को सीधा लाभ होगा।' प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों ने स्थितियों के बदलने की उम्मीदें तक छोड़ दी थीं। लेकिन जब देश ईमानदारी से संकल्पों की सिद्धि के लिए जुटता है, तो सुधार आता है, परिवर्तन होता है। यह हम पिछले सालों से लगातार देख रहे हैं। आज रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में देश का पहला ISO सर्टिफाइड, देश का पहला पीपीपी मॉडल आधारित रेलवे स्टेशन देश को समर्पित किया गया है। जो सुविधाएं कभी एयरपोर्ट में मिला करती थीं, वो अब रेलवे स्टेशन में मिल रही हैं।
स्टेशन पर भीड़-भाड़, गंदगी, ट्रेन के इंतजार में घंटों की टेंशन, स्टेशन पर बैठने-खाने-पीने की असुविधा, सुरक्षा की चिंता व दुर्घटना का डर एक साथ दिमाग में चलता रहता था। लेकिन भारत कैसे बदल रहा है, सपने कैसे सच हो सकते हैं, ये देखना हो तो आज इसका एक उत्तम उदाहरण भारतीय रेलवे बन रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए रिकॉर्ड निवेश कर रहा है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि प्रोजेक्ट्स में देरी न हो। हाल में शुरू हुआ, पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान (PM GatiShakti - National Master Plan), इसी संकल्प की सिद्धि में देश की मदद करेगा।
पहले रेलवे का जब टूरिज्म के लिए उपयोग किया जाता था, तब उसको एक प्रीमियम क्लब तक ही सीमित रखा जाता था। लेकिन अब पहली बार सामान्य मानवी को उचित राशि पर पर्यटन और तीर्थ स्थानों का दिव्य अनुभव दिया जा रहा है। रामायण सर्किट ट्रेन (Ramayana circuit train) ऐसा ही एक प्रयास है। भारतीय रेल सिर्फ दूरियों को कनेक्ट करने का माध्यम नहीं है, बल्कि ये देश की संस्कृति, देश के पर्यटन और तीर्थाटन को कनेक्ट करने का भी अहम माध्यम बन रही है। आजादी के इतने दशकों बाद पहली बार भारतीय रेल के इस सामर्थ्य को इतने बड़े स्तर पर एक्सप्लोर किया जा रहा है।
यात्रियों की सुविधाओं का रखा गया खास ध्यान
आधुनिक सुविधाओं से भरपूर यह रेलवे स्टेशन 100 फीसदी दिव्यांग फ्रेंडली है। इसमें यात्रियों की सुविधाओं के लिए आठ लिफ्ट और 12 एस्कलेटर हैं। इतना ही नहीं, पहली बार एयरपोर्ट के तर्ज पर 3 ट्रेवोलेटर भी लगे हैं। इसके जरिए यात्री आराम में चल सकेंगे। इसके अलावा स्टेशन से बाहर 2 सब्वे विथ रैम्प बनाए गए हैं। साथ यात्री एसी रिटायरिंग रूम और डोरमेट्री की सुविधा का भी लाभ उठा सकते हैं। महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग मेन्स एंड वूमेन लाउंज और वीआईपी लाउंज भी बनाए गए हैं।
मालूम हो कि रानी कमलापति भोपाल की आखिरी हिंदू महारानी थीं। रानी कमलापति गनौर राज्य के गौंड राजा निजाम शाह की पत्नी थीं। उन्होंने आत्मसम्मान की रक्षा में जलसमाधि ले ली थी।