- महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आरबीआई ने बड़े फैसले लिए।
- इससे लोन ग्राहकों को झटका लगा है।
- वहीं FD पर बेहतर रिटर्न की उम्मीद है।
Repo Rate Increase: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो दर में 0.40 फीसदी यानी 40 आधार अंकों की बढ़ोतरी की घोषणा की। 1 अगस्त 2018 के बाद से पहली बार रेपो दर में बढ़ोतरी की गई है। रेपो दर में यह वृद्धि तुरंत लागू हो गई है। इतना ही नहीं, केंद्रीय बैंक ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में भी वृद्धि की है। इसे 50 आधार अंक बढ़ाकर 4.5 फीसदी कर दिया गया है। यह दर 21 मई 2022 से प्रभावी है।
रेपो रेट बढ़ने से आप पर क्या होगा असर?
केंद्रीय बैंक की ताजा घोषणाओं का सीधा असर कर्जदारों पर पड़ेगा। इससे आपके लोन की ईएमआई बढ़ सकती है। बैंक आम तौर पर बढ़ी हुई रेपो रेट का बोझ ग्राहकों पर डाल देते हैं। इसलिए केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाने से आपके होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसे अन्य कर्जों की ईएमआई बढ़ जाएगी।
झटका: कर्ज लेना हुआ महंगा, RBI ने बढ़ाई ब्याज दरें
उदाहरण से समझें
अगर आपने 20 सालों के लिए 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है और आपकी पुरानी ब्याज दर 6.8 फीसदी है, तो इस तरह आप अभी 22,900 रुपये ईएमआई के तौर पर दे रहे हैं। वहीं अगर ब्याज दर बढ़कर 7.2 फीसदी हो जाती है, तो आपको 23,620 रुपये ईएमआई के तौर पर देने होंगे।
एफडी निवेशकों को हो सकता है फायदा
दूसरी ओर, यह फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करने वालों के लिए राहत भरी खबर है। इतना ही नहीं, रेपो रेट बढ़ने का असर आपके सेविंग बैंक अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर भी पड़ेगा। अब बैंक आपके सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दर को बढ़ा सकते हैं।
Share Market Today, 4 May 2022: RBI की घोषणाओं से बिगड़ा बाजार का मूड, 1306 अंक टूटा सेंसेक्स