- आरबीआई की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर ने की कई घोषणाएं
- लोन चुकाने को लेकर दी राहत, 3 महीने के लिए बढ़ाई अवधि
- जानें क्या हैं रिजर्व बैंक के कर्ज स्थगन का ऐलान करने के मायने
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार (22 मई) को 31 अगस्त, 2020 तक टर्म लोन पर स्थगन के तीन महीने की तारीख में विस्तार की घोषणा की। मार्च के अंत में, केंद्रीय बैंक आरबीआई ने 1 मार्च, 2020 और 31 मई, 2020 के बीच सभी सावधि ऋणों के भुगतान पर 90 दिनों के स्थगन की अनुमति दी थी।
सीधे शब्दों में कहें, तो उधारकर्ताओं द्वारा सावधि ऋणों के भुगतान यानी पैसे वापस लौटाने पर स्थगन के तीन महीने के विस्तार का मतलब है कि उन्हें इस अवधि के दौरान मासिक किस्तों (ईएमआई) के बराबर कर्ज का भुगतान नहीं करना होगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ऋण स्थगन 31 अगस्त तक बढ़ाया जाएगा। इस तरह रिजर्व बैंक की ओर से इसमें 6 महीने की मोहलत दे दी गई है।
शुक्रवार के स्थगन के फैसले से अर्थव्यवस्था में तरलता आएगी, क्योंकि कर्ज लेने वाले ईएमआई के पुनर्भुगतान को अपने बैंक खातों से नहीं काट सकते। 31 अगस्त को अधिस्थगन समय अवधि समाप्त होने के बाद ही ईएमआई भुगतान फिर से शुरू होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण कर्ज अदायगी पर ऋण को अगस्त तक बढ़ा दिया गया है, ताकि कर्जदारों को राहत मिल सके। इससे पहले मार्च में केंद्रीय बैंक ने एक मार्च 2020 से 31 मई 2020 के बीच सभी सावधि ऋण के भुगतान पर तीन महीनों की मोहलत दी थी।
ऋण स्थगन के तहत लोगों से कर्ज के लिए उनके खातों से ईएमआई नहीं ली गई। रिजर्व बैंक की ताजा घोषणा के बाद 31 अगस्त को ऋण स्थगन की अवधि खत्म होने के बाद ही ईएमआई भुगतान शुरू होगा।