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साल 2022 में 9.5 फीसद रहेगी GDP की विकास दर, रेपो रेट में बदलाव नहीं : RBI

Updated Jun 04, 2021 | 10:58 IST

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा, 'आरबीआई अपने ब्याज दरों को यथावत रख रहा है। मौद्रिक नीति समिति (एमसीसी) ने रेपो रेट सहित अन्य ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
साल 2022 में 9.5 फीसद रहेगी जीडीपी की विकास दर।
मुख्य बातें
  • भारीतय रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत के मौजूदा स्तर पर बनाए रखा है
  • आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को पहले के 10.5 प्रतिशत से घटा कर 9.5 प्रतशत किया
  • आर्थिक वृद्धि को बजबूत बनाने में मदद के लिए मौद्रिक नीति में नरम रुख जारी रहेगा

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपने अहम ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। यह लगातार छठा मौका है जब बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को 4 प्रतिशत पर रखने का फैसला किया जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी बना रहेगा। साथ ही बैंक ने मौजूदा वित्तीय वर्ष अथवा 2022 के लिए जीडीपी की विकास दर संशोधित करते हुए उसे 9.5 प्रतिशत पर रखा है। इसके पहले जीडीपी की विकास दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। 

आरबीआई ने ब्याज दरों को यथावत रखा
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा, 'आरबीआई अपने ब्याज दरों को यथावत रख रहा है। मौद्रिक नीति समिति (एमसीसी) ने रेपो रेट सहित अन्य ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है। रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसद बना रहेगा।' आरबीआई गर्वनर ने कोरोना संकट की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव के बारे में भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था को उतना नुकसान नहीं पहुंचाया जितना कि पहली लहर ने पहुंचाया है।  

अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की बात कही
इस दौरान आरबीआई गर्वनर ने अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति के बारे में एक सामान्य ब्योरा रखा। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए और विकास की गति बढ़ाने के लिए अतिरिक्त आर्थिक प्रोत्साहन देने की जरूरत है। 

40 हजार करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों की खरीद करेगा बैंक
रिजर्व बैंक का अनुमान है कि खुदरा मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.1 प्रतिशत रहेगी। समिति का अनुमान है कि मुद्रास्फीति में हाल में आई गिरावट से कुछ गुंजाइश बनी है, आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिये सभी तरफ से नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है। आरबीआई 17 जून को 40 हजार करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगा साथ ही दूसरी तिमाही में 1.20 लाख करोड़ रुपये की प्रतिभूति खरीदी जाएंगी। रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा हमारा अनुमान है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डालर से ऊपर निकल गया है।

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