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आने वाले समय में कितनी रहेगी महंगाई, क्या बढ़ेगी आर्थिक वृद्धि दर?

Updated Aug 05, 2022 | 12:48 IST

RBI Monetary Policy Meeting 2022 announcements: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दूरगामी प्रभाव वाले दो घटनाक्रमों और कई झटकों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता है।

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आने वाले समय में क्या कम होगी महंगाई? RBI ने कहा...
मुख्य बातें
  • भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और जिंसों की ऊंची कीमतों के बीच आरबीआई ने महंगाई का अनुमान लगाया है।
  • मौद्रिक समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर को 0.5 फीसदी बढ़ाकर 5.40 फीसदी किया गया है।
  • शहरी मांग में सुधार हो रहा है: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत।

नई दिल्ली। विपक्ष लगातार महंगाई और बेरोजगारी का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस ने आज देश भर में महंगाई और बेरोजगारी के विरोध में प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इस बीच आज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने आर्थिक वृद्धि दर और महंगाई दर पर अनुमान जताया है। द्विमासिक मौद्रिक नीति (RBI MPC Meeting) के फैसलों की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति असंतोषजनक स्तर पर है। 

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति उच्चतम स्तर को छू चुकी है। यह अस्वीकार्य रूप से काफी ऊंचे स्तर पर है। अब यह नीचे आएगी। एमपीसी ने यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश की महंगाई की दर लक्ष्य के भीतर बनी रहे। एमपीसी का विचार किया कि मुद्रास्फीति के दबावों को नियंत्रित करने के लिए आगे मौद्रिक नीति में बदलाव की आवश्यकता है।

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आने वाले समय में कितनी रहेगी महंगाई?
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए रिटेल मुद्रास्फीति के अपने अनुमान को 6.7 फीसदी पर कायम रखा है। पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में अनुमान को 5.7 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी किया गया था। जुलाई से सितंबर में CPI 7.1 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.4 फीसदी और चौथी तिमाही में यह 5.8 फीसदी रह सकती है।

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आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुमान को 7.2 फीसदी पर कायम रखा है। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 16.2 फीसदी की दर से बढ़ेगी और चौथी तिमाही तक वृद्धि दर कम होकर चार फीसदी रह जाएगी। रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) वृद्धि दर के लिए जोखिम हो सकता है।

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