- सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको और चीन के बीच करार फरवरी 2019 में हुआ था
- इसके तहत चीन में एक रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स बनाया जाना था
- अब इसे सस्पेंड करने का फैसला लिया गया है, जिसे चीन के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है
रियाद : सऊदी अरब से चीन को बड़ा झटका लगा है। यहां की सार्वजनिक तेल कंपनी सऊदी अरामको ने चीन के साथ 10 अरब डॉलर की एक बड़ी डील को फिलहाल सस्पेंड करने का फैसला लिया है। भारतीय मुद्रा में यह रकम तकरीबन 75 हजार करोड़ रुपये होती है। इस डील के तहत अरामको चीन में एक रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स बनाने वाली थी।
तेल की कीमतों में गिरावट
बताया जा रहा है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मची तबाही के बीच तेल की कीमतों में लगातार आ रही गिरावट के कारण यह फैसला लिया गया है। तेल की कीमतों में गिरावट से तेल कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है और ऐसे में मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए अरामको ने चीन के साथ इस डील को फिलहाल निलंबित करने का फैसला किया है।
सऊदी अरब और चीन के बीच हुए डील को निलंबित किए जाने का कारण हालांकि तेल का सस्ता होना बताया जा रहा है, पर इसे लेकर अरामको या उनके चीनी भागीदारों चाइना नॉर्थ इंडसट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन और पंजिन सिनसेन की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। चीन और सऊदी अरब के बीच यह डील फरवरी 2019 में हुई थी, जिस पर खुद सऊदी क्राउन प्रिंस सलमान ने साइन किया था।
चीन को हो सकता है बड़ा नुकसान
माना जा रहा था कि इसके इसके जरिये अरामको जहां एशियाई बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है, वहीं यह भी कहा गया कि इस डील के बाद सऊदी अरब चीन में बड़ा निवेश कर सकता है। लेकिन फिलहाल बाजार में जारी अनिश्चितता को देखते हुए इस डील को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण दुनियाभर में पाबंदियां हैं और तेल की मांग भी काफी घट गई है।
तेल की घटती मांग का सीधा असर इसकी कीमतों पर पड़ा है, जिससे दुनियाभर में तकरीबन सभी कंपनियां प्रभावित हैं। सऊदी अरामको भी तेल की घटती मांग और कीमत में गिरावट की समस्या से जूझ रही है। ऐसे में उसने फिलहाल कैपिटल एक्सपेंडिचर घटाने पर फोकस किया है और इसी के तहत उसने चीन साथ के साथ इस बड़ी डील पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है। इससे चीन को व्यापक पैमाने पर नुकसान हो सकता है।